अमेरिका की धरती पर गूंजे छठ गीत, मिशिगन में प्रवासी भारतीयों ने सजाया आस्था और परंपरा का घाट
अमेरिका के मिशिगन में छठ पूजा का आयोजन किया गया, जहाँ बक्सर के मूल निवासी रूपेश कुमार के परिवार ने झील किनारे पारंपरिक रूप से पूजा की। दीपों की रोशनी और छठ गीतों से माहौल बिहार की यादों से भर गया। प्रवासी भारतीयों के साथ स्थानीय अमेरिकी भी शामिल हुए और भारतीय संस्कृति की झलक से अभिभूत हुए। रूपेश कुमार ने छठ को संस्कारों और मातृभूमि से जुड़ाव का प्रतीक बताया।

अमेरिका की धरती पर गूंजे छठ गीत
डिजिटल डेस्क, पटना। “केरवा जे फरेला घाट पे, उहे ले आइहS हो रामा...” बिहार की माटी की खुशबू और छठ गीतों की यह मधुर गूंज इस बार गंगा किनारे नहीं, बल्कि अमेरिका के मिशिगन राज्य के न्यू हडसन शहर में सुनाई दी। ठंडी हवाओं और विदेशी माहौल के बीच भी छठ पूजा का उत्साह और आस्था का रंग पूरे जोश के साथ छाया रहा।
बक्सर जिले के रामपुर गांव के मूल निवासी, बिरेंद्र नारायण राय के पुत्र रूपेश कुमार, उनकी पत्नी मेमांशा उमा नाथ सिंह और पुत्री मान्या राय ने इस वर्ष भी विदेश की धरती पर छठ महापर्व को पूरे श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया। परिवार ने मिशिगन में झील किनारे पारंपरिक तरीके से पूजा का आयोजन किया, जहाँ दीपों की रोशनी, केले के पत्तों से सजी वेदी और छठ गीतों ने पूरे माहौल को बिहार की यादों से भर दिया।
व्रती महिलाओं ने सूर्योदय और सूर्यास्त के समय व्रत रखकर भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। इस अवसर पर प्रवासी भारतीयों के साथ-साथ स्थानीय अमेरिकी परिवार भी पूजा में शामिल हुए और भारतीय संस्कृति की इस अनोखी झलक से अभिभूत नजर आए।
“छठ केवल पूजा नहीं, बल्कि यह हमारे संस्कारों, परिवार और मातृभूमि से जुड़ाव का प्रतीक है। विदेश में रहकर भी जब हम छठ मनाते हैं, तो ऐसा लगता है मानो पूरा बिहार हमारे साथ हो।”
रूपेश कुमार



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