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    Chhath Puja 2025: शुगर, बीपी, किडनी या हृदय की समस्‍या है तो बरतें सावधानी, छठ व्रत‍ियों को डाक्‍टरों की सलाह

    By Nalini Ranjan Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Fri, 24 Oct 2025 08:22 PM (IST)

    छठ पूजा के अवसर पर, डॉक्टरों ने शुगर, बीपी, किडनी और हृदय रोगियों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। व्रत रखने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें, खानपान का ध्यान रखें, दवाइयां नियमित लें, और पर्याप्त आराम करें। छठ पूजा एक कठिन व्रत है, इसलिए स्वास्थ्य का ध्यान रखना ज़रूरी है।

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    छठ व्रत‍ियों को सेहत के प्रति रहना होगा सावधान। सांकेतिक तस्‍वीर

    जागरण संवाददाता, पटना। छठ महापर्व आस्था, संयम और शुद्धता का प्रतीक है, लेकिन यह पर्व कठोर व्रत और लंबे उपवास के कारण कुछ लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण भी हो सकता है। ऐसे में चिकित्सकों ने सलाह दी है कि डायबिटीज (शुगर), ब्लड प्रेशर, किडनी, हृदय और कैंसर जैसी बीमारियों से ग्रस्त व्रती विशेष सतर्कता बरतें। विशेषज्ञों का कहना है कि धार्मिक भावना महत्वपूर्ण है, लेकिन स्वास्थ्य उससे भी ज्यादा अहम है। इसलिए आस्‍था के साथ अपनी सेहत का ख्‍याल जरूर रखें। 

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    डायबिटीज के मरीज रखें ब्लड शुगर पर नियंत्रण

    पीएमसीएच के इंडोक्रायोनालाजिस्ट डा. नीरज सिन्हा ने बताया कि व्रत रखने से पहले शुगर लेवल की जांच कर लेना चाहिए। उपवास के दौरान लंबे समय तक भोजन न करने से हाइपोग्लाइसीमिया या ब्लड शुगर अचानक गिरने का खतरा रहता है। उन्होंने सलाह दी कि ऐसे मरीज डाक्टर की सलाह लेकर दवा की मात्रा में परिवर्तन करें और व्रत के नियमों का पालन करते हुए खरना प्रसाद लें।


    बीपी के मरीज ज्यादा देर भूखे न रहें

    आइजीआइसी के सहायक निदेशक सह डीएम कार्डियोलाजिस्ट डा. रोहित कुमार ने बताया कि हाई बीपी के मरीजों को व्रत के दौरान तनाव और थकान से बचना चाहिए। सूर्य अर्घ्य के समय लंबे समय तक खड़े रहने या बिना पानी के रहने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। ऐसे में व्रत से पहले डाक्टर से एकबार जरूर सलाह लेनी चाहिए। साथ ही, व्रत के बाद दवा एडजस्ट करना चाहिए। 

    किडनी के मरीज पानी की मात्रा पर दें ध्यान

    अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के नेफ्रोलाजी विभागाध्यक्ष डा. अमरेश कृष्णा ने बताया कि किडनी रोगियों को शरीर में तरल पदार्थ की मात्रा का संतुलन बनाए रखना जरूरी होता है। लंबे समय तक डिहाइड्रेशन से किडनी पर दबाव बढ़ता है। ऐसे मरीजों को व्रत से पहले डाक्टर से परामर्श लेकर तय करना चाहिए कि वे कितनी देर तक उपवास रख सकते हैं।