Chhath 2025: केला-नारियल छाप वाली साड़ी बनी छठ व्रतियों की पहली पसंद, यहां जानें कीमत
Chhath Puja Date 2025: छठ पर्व के लिए बिहार के बुनकरों ने केला और नारियल छाप वाली विशेष साड़ियां तैयार की हैं। लाल और पीले रंग की ये साड़ियां मधुबनी, भागलपुर जैसे शहरों के कलाकारों ने बनाई हैं, जिनकी कीमत 500 से 2500 रुपये तक है। व्रतियों के लिए पीली धोती और गमछा भी उपलब्ध हैं।

छठ व्रत में बिक्री सके लिए रखी खास साड़ियां। (जागरण)
जागरण संवाददाता, पटना। साड़ियों पर कलाकारों ने उकेरा केला व नारियल का छाप, व्रतियों में बढ़ी मांग लोक आस्था का महापर्व छठ के मद्देनजर राज्य के बुनकरों ने सूती साड़ी पर केला एवं नारियल के छाप वाली विशेष साड़ी तैयार की गई है।
ये साड़ियां लाल एवं पीले रंग में मधुबनी, भागलपुर, मुजफ्फरपुर एवं गया के कलाकारों ने तैयार किया गया है। इनकी कीमत 500 से लेकर 2500 रुपये तक निर्धारित की गई है।
वहीं, सूती धोती की कीमत तीन से पांच सौ रुपये निर्धारित की गयी है। व्रतियों को अर्घ्य देने के लिए पीली धोती विशेष रुप से तैयार की गई है, जिसकी मांग काफी बढ़ी गई है। इसके अलावा पीला गमछा भी काफी संख्या में कलाकारों ने तैयार किया है।
बिहार राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड की ओर से संचालित खादी माल के प्रबंधक रमेश कुमार का कहना है कि छठ महापर्व को देखते हुए हर वर्ग के लिए साड़ी उपलब्ध करायी जा रही है। व्रतियों में भी इसकी काफी मांग देखी जा रही है।
न केवल राजधानी से बल्कि हाजीपुर, आरा, जहानाबाद, दानापुर एवं आसपास के इलाकों से आकर लोग खरीदारी कर रहे हैं। साड़ी एवं धोती के अलावा मिट्टी का चूल्हा, आम की लकड़ी, सूप, दउरा, डगरा सहित छठ में उपयोग होने वाली अन्य सामग्री भी लोगों को मुहैया कराई जा रही है।
वहीं, पूजा करने के लिए अगरबत्ती, चंदन, रोली, घी आदि की भी व्यवस्था की गई है। खादी माल की कोशिश है कि छठव्रती को महापर्व की सारी सामग्री एक ही छत के नीचे मिल जाए, इससे लोग काफी पसंद कर रहे हैं। इन सामग्री की बिक्री में शुद्धता एवं पवित्रता का काफी ख्याल रखा जा रहा है।
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