Chhath Puja 2024: पटना-भागलपुर समेत अन्य शहरों में क्या है सूर्योदय का सही समय, कब खत्म होगा निर्जला उपवास?
छठ महापर्व बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस लेख में हम आपको बिहार के प्रमुख जिलों/शहरों में सूर्योदय का सही समय बताएंगे। पटना में सूर्योदय का समय सुबह 6 बजकर 2 मिनट है जबकि भागलपुर में यह सुबह 5 बजकर 54 मिनट पर होगा। उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ व्रती अपना 36 घंटे का निर्जला उपवास पूरा करेंगे।

डिजिटल डेस्क, पटना। Chhath Puja 2024 बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में महापर्व छठ हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। गुरुवार को छठ व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। वहीं, अब शुक्रवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ व्रती अपना 36 घंटे का निर्जला उपवास पूरा करेंगे। हम इस लेख में आपको बिहार के प्रमुख जिलों/शहरों में सूर्योदय का सही टाइम बताएंगे।
- पटना में सूर्योदय का टाइम- सुबह 6 बजकर 2 मिनट
- भागलपुर में सूर्योदय का टाइम- सुबह 5 बजकर 54 मिनट
- गया में सूर्योदय का टाइम- सुबह 6 बजकर 2 मिनट
- मुजफ्फरपुर में सूर्योदय का टाइम- सुबह 6 बजकर 2 मिनट
- बेगूसराय में सूर्योदय का टाइम- सुबह 5 बजकर 58 मिनट
- आरा में सूर्योदय का टाइम- सुबह 6 बजकर 4 मिनट
- औरंगाबाद में सूर्योदय का टाइम- सुबह 6 बजकर 4 मिनट
- मोतिहारी में सूर्योदय का टाइम- सुबह 5 बजकर 5 मिनट
- दरभंगा में सूर्योदय का टाइम- सुबह 6 बजे
- जहानाबाद में सूर्योदय का टाइम- सुबह 6 बजकर 2 मिनट
चार दिवसीय छठ अनुष्ठान
लोक आस्था का महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान मंगलवार को नहाय-खाय के साथ आरंभ हुआ। पहले दिन व्रतियों ने मंगलवार को गंगा स्नान के साथ सूर्यदेव को जल से अर्घ्य दिया। इसके बाद पूरी पवित्रता के साथ अरवा चावल, चना दाल, कद्दू की सब्जी और आंवले की चटनी आदि का भोग लगाकर प्रसाद तैयार किया।
बुधवार को लोहंडा खरना के दिन व्रतियों ने पूरे दिन उपवास कर शाम में भगवान का भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण किया। इसके बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हुआ। गुरुवार को व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। वहीं, शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को नदी-तालाब या अन्य जल श्रोतों के बीच खड़े होकर अर्घ्य देंगे। इसके साथ ही छठ का चार दिवसीय अुनष्ठान पूरा होगा और व्रती प्रसाद ग्रहण कर पारण करेंगे।
सात नवंबर को दिया पहला अर्घ्य:
छठ व्रतियों ने सात नवंबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। इस दिन षष्ठी तिथि को छठी मैया का पूजन विधि-विधान के साथ हुआ। सात नवंबर को धृति व रवियोग का संयोग बना रहा। व्रतियों ने जल में खड़े होकर पवित्रता के साथ फल, मिष्ठान, नारियल, पान-सुपारी, फूल, अर्कपात से भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार की कुशलता के लिए प्रार्थना की।
8 नवंबर को दूसरा अर्घ्य
आठ नवंबर शुक्रवार को कार्तिक शुक्ल सप्तमी तिथि को सर्वार्थ सिद्धि योग व रवि योग में व्रती उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ चार दिवसीय पर्व को संपन्न करेंगे। अर्घ्य व पूजन करने के बाद व्रती घाट पर पारण कर पर्व का समापन करेंगे।
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