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    Chhath Puja 2022: 28 अक्टूबर से शुरू होगा छठ महापर्व, यहां जानिए खरना से लेकर अर्घ्य की तिथि

    By Jagran NewsEdited By: Rahul Kumar
    Updated: Thu, 20 Oct 2022 12:47 PM (IST)

    Chhath Puja 2022 लोकआस्था का महापर्व छठ पूजा की शुरुआत 28 अक्टूबर से हो रही है। छठ व्रत के दौरान व्रती 36 घंटे का निर्जला उपवास रखते हैं। आइए यहां जानते हैं इस साल नहाय खाय खरना और अर्घ्य देने की तिथि क्या है?

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    Chhath Puja 2022: 28 अक्टूबर से शुरू हो रहा लोक आस्था का महापर्व छठ। सांकेतिक तस्वीर

    पटना, आनलाइन डेस्क। लोक आस्था का महापर्व छठ की शुरुआत इस साल 28 अक्टूबर से हो रही है। छठ पर्व भगवान सूर्य की उपासना का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। चार दिवसीय महापर्व की शुरुआत कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है। इस साल छठ महापर्व की शुरूआत 28 अक्टूबर से नहाय खाय के साथ हो रही है।

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    नहाय खाय के बाद छठ व्रती घर में बना प्रसाद ग्रहण करती हैं। फाइल फोटो

    28 अक्टूबर नहाय खाय

    छठ का व्रत कठिन व्रतों में एक है। छठ व्रत के दौरान व्रती 36 घंटों का निर्जला उपवास रखते हैं। इस दौरान छठ व्रती डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। उसके बाद पारण किया जाता है। इस साल 28 अक्टूबर को नहाय खाय के साथ छठ व्रत की शुरूआत हो जाएगी। नहाय खाय के दिन छठ व्रती सबसे पहले शुभ मुहूर्त में गंगा स्नान करते करते हैं। उसके बाद घर की अच्छी तरह सफाई की जाती है। नहाय खाय के दिन लगभग छठ व्रतियों के घर चने की दाल, लौकी की सब्जी और चावल प्रसाद के रूप में बनता है। ये प्रसाद शुद्ध तरीके से साफ चूल्हे पर बनाया जाता है।

    29 अक्टूबर को खरना

    29 अक्टूबर को खरना है। इस दिन छठ व्रती गुड का खीर बनाकर सबसे पहले भगवान को भोग लगाते हैं उसके बाद प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। छठ पर्व के दौरान साफ सफाई का विशेष ख्याल रखा जाता है। खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद 36 घंटे निर्जला व्रत शुरू हो जाता है।

    खरना के दिन व्रती खीर का प्रसाद तैयारी करती हैं। फाइल फोटो

    30 अक्टूबर को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य

    लोक आस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन यानि खरना के बाद छठ व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देते हैं। इस बार 30 अक्टूबर को छठ व्रती डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर उनकी उपासना करेंगे। गंगा जल और दूध से अर्घ्य देने की परंपरा है। 

    अर्घ्य के दौरान पूजन सामग्री के साथ सूर्य की उपसान की जाती है। फाइल फोटो

    31 अक्टूबर को उगते सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य

    ऐसी मान्यता है कि छठ पूजा संता के स्वास्थ्य, दीर्घायु और सफलता के किया जाता है। इस बार 31 अक्टूबर को छठ व्रती उगते सूर्य को अर्घ्य देंगे। सूर्य की उपासना के बाद छठ व्रतियों चार दिनों के व्रत का पारण करती हैं।