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    जहरीली शराब कांड का Side Effect : भाजपा और राजद के एक-एक नेता लग गए किनारे, लटकी कार्रवाई की तलवार

    By Arun AsheshEdited By: Yogesh Sahu
    Updated: Sat, 24 Dec 2022 08:00 PM (IST)

    सारण में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के मामले ने भाजपा और राजद के एक-एक नेता को किनारे लगा दिया है। दोनों ही नेताओं के बयानों को लेकर पार्टी नेतृत्व ...और पढ़ें

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    जहरीली शराब कांड का साइड इफेक्ट, भाजपा और राजद के एक-एक नेता लग गए किनारे

    पटना, अरुण अशेष। सारण और सिवान जिले में जहरीली शराब पीने से हुई आम लोगों की मौत के मामले का राजनीतिक दलों पर भी साइड इफेक्ट देखा जा रहा है। प्रदेश भाजपा और राजद के एक-एक नेता को जहरीली शराब कांड ने किनारे लगा दिया है। इस समय दोनों को उनके दलों में अपरिचित की तरह देखा जा रहा है। बहुत संभव है इनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई भी हो। ये हैं भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद और राजद के विधान परिषद सदस्य प्रो. रामबली सिंह।

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    भाजपा अड़ी हुई है कि मृतकों के स्वजनों को राज्य सरकार मुआवजा दे। इस मांग के लिए पार्टी के विधायकों ने धरना दिया। राज्यपाल को ज्ञापन दिया। बात नहीं बनी तो न्यायालय तक जाने की योजना है। इधर, राजीव रंजन ने मुआवजे की मांग का विरोध करते हुए मीडिया में बयान दे दिया कि बिहार में शराब पीना अपराध है। जहरीली शराब पीने वालों ने आपराधिक कृत्य किया था। इसलिए उनके स्वजनों को मुआवजा देना उचित नहीं होगा। इस मोर्चे पर वे भाजपा के बदले जदयू के साथ खड़े होते दिखाई दे रहे हैं।

    जदयू की पृष्ठभूमि वाले हैं प्रसाद

    राजीव रंजन प्रसाद की पृष्ठभूमि जदयू की है। 2005 के विधानसभा चुनाव में जदयू की टिकट पर ही नालंदा जिले के इस्लामपुर से उन्होंने जीत दर्ज की थी। वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नजदीकी मित्रों में गिने जाते हैं। वे झारखंड एवं छत्तीसगढ़ में बिजली बोर्ड के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। नीतीश से मतभेद होने के कारण भाजपा में आ गए। यहां उन्हें सम्मान मिला।

    भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल से उनके अच्छे रिश्ते हैं। प्रसाद को पार्टी में मीडिया प्रबंधन का जिम्मा दिया गया है। लेकिन, सूत्रों का कहना है कि मुआवजा मामले में पार्टी की आधिकारिक लाइन से अलग होने के बाद से उन्हें महत्वपूर्ण बैठकों से अलग रखा जा रहा है। प्रदेश नेतृत्व ने समझाने के नाम पर उन्हें कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।

    प्रो. रामबली का भी वही हाल

    लगभग यही हालत राजद के विधान परिषद सदस्य प्रो. रामबली सिंह की है। ये अत्यंत पिछड़ी जाति के नेता हैं। राजद में मान है, इसीलिए विधान परिषद में जगह दी गई। शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक सत्र को नियमित करने के लिए हाल में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। ये भी इसके सदस्य बनाए गए हैं।

    एक चैनल ने स्टिंग ऑपरेशन के दौरान इनसे बातचीत की। इस बातचीत का प्रसारण हुआ तो पता चला कि प्रो. रामबली सिंह अपने नेता और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बारे में बता रहे हैं कि वह भी शराब पीते हैं। सूत्रों का कहना है कि इस स्टिंग के बाद से ही सिंह नजर बचाकर चलने लगे हैं। यह तय हो गया है कि भले ही किसी और बहाने हो, मगर इनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी ही।