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छोटी पटन देवी : यहां गिरा था सती की पीठ का हिस्सा, मां के तीनों स्वरूपों की होती है पूजा

छोटी पटनदेवी मंदिर में सैंकड़ों साल से मां के तीन स्वरूपों की पूजा होती आ रही है। चैत्र नवरात्र के दौरान छोटी पटनदेवी में भक्तों का तांता लगा रहता है। मंदिर के आचार्य बताते हैं कि यहां कुमारी पूजन में लोगों की भीड़ उमड़ती है।

By Akshay PandeyEdited By: Roma RaginiPublished: Thu, 23 Mar 2023 03:10 PM (IST)Updated: Thu, 23 Mar 2023 03:10 PM (IST)
छोटी पटन देवी : यहां गिरा था सती की पीठ का हिस्सा, मां के तीनों स्वरूपों की होती है पूजा
छोटी पटन देवी में उमड़ती है श्रद्धालुओं की भीड़

पटना, जागरण संवाददाता। चैत्र नवरात्र में देवी मंदिरों में माता के भक्तों की भीड़ लग रही है। पटना सिटी स्थित छोटी पटनदेवी मंदिर में माता की पूजा सैंकड़ों साल से हो रही है। देश की 51 शक्तिपीठों में प्रमुख इस उपासना स्थल में मां तीनों स्वरूपों में विद्यमान हैं।

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चैत्र नवरात्र के दौरान छोटी पटनदेवी में भक्तों का तांता लगा रहता है। मां यहां आनेवाले भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण करती हैं। मंदिर में महाकाली लक्ष्मी, दुर्गा और सरस्वती के साथ अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमा है।

दुर्गा पूजा के दौरान नगर रक्षिका मां दुर्गा भ्रमण करती हैं। मंदिर परिसर में ही हवन कुंड बना है। देवी को प्रतिदिन अलग-अलग सामग्री का भोग लगता है। संगमरमर के पत्थरों से मंदिर परिसर की भव्यता भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करती है। वर्तमान में मंदिर को नए स्वरूप देने के लिए निर्माण कार्य जारी है।

सिद्धपीठ श्री छोटी पटनदेवी मंदिर के आचार्य अभिषेक अनंत द्विवेदी बताते हैं कि दक्ष प्रजापति की पुत्री सती ने अपने ही पिता के यज्ञ में पति के अपमान को सहन न करते हुए वेदी में कूदकर जीवन लीला समाप्त कर ली थी। सती के 51 खंड हुए थे। ये अंग जहां-जहां गिरे, वहां शक्तिपीठ स्थापित की गई।

आचार्य बताते हैं कि छोटी पटन देवी स्थल पर सती की पीठ गिरी थी। सप्तमी को महानिशा पूजा, अष्टमी को महागौरी और नवमी को सिद्धिदात्री देवी दर्शन पूजन के बाद हवन किया जाता है। यहां कुमारी पूजन में लोगों की भीड़ उमड़ती है।

आचार्य अनंत अभिषेक द्विवेदी कहते हैं कि मंदिर के आचार्य बोले कि भारत की सिद्धपीठ में नगर रक्षिका के रूप में छोटी पटनदेवी की पूजा आदिकाल से होती आ रही है। चैती व शारदीय नवरात्र के दौरान सूबे और राजधानी के कोने-कोने से श्रद्धालु मां भगवती की पूजा-अर्चना करने परिजनों के साथ पहुंचते हैं।

श्रद्धालु प्रफुल्ल कुमार पांडे ने कहा कि सुनहरे इतिहास वाली सिद्धपीठ श्री छोटी पटनदेवी मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य जारी है। आनेवाले दिनों में मंदिर नए स्वरूप में दिखेगा। यहां सैकड़ों वर्षों से पूजा-अर्चना और आरती की जा रही है। दुर्गा पूजा के दौरान सप्तमी, अष्टमी व नवमी को विशेष आरती में भक्त उमड़ते हैं।

ऐसे पहुंचे मंदिर

अशोक राजपथ से आने पर चौक थाना क्षेत्र के हाजीगंज से संपर्क पथ में 100 फीट अंदर जाने पर श्रद्धालु मंदिर पहुंच सकते हैं। पटना साहिब स्टेशन से चौक शिकारपुर से मंगल तालाब मोड़ पहुंचकर कालीस्थान मार्ग होते हुए छोटी पटनदेवी मंदिर तक सहजता से पहुंचा जा सकता है।


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