Bihar Election 2025: वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन में लखीसराय-शेखपुरा आगे, जानिए कहां पिछड़ रहे अन्य जिलों के मतदाता
पटना में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने राजनीतिक दलों के साथ मतदाता सूची पुनरीक्षण पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि राज्य में 7.89 करोड़ से अधिक मतदाता हैं और 90.64% से प्रपत्र प्राप्त हो चुके हैं। दलों से शेष मतदाताओं से प्रपत्र भरवाने में सहयोग करने की अपील की गई। मतदाता सूची को त्रुटि रहित बनाने के लिए बीएलए की नियुक्ति पर जोर दिया गया।

राज्य ब्यूरो, पटना। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) बिहार विनोद सिंह गुंजियाल ने शनिवार को राज्य मुख्यालय में मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान-2025 को लेकर विचार-विमर्श किया। इस दौरान सीईओ ने विशेष सघन पुनरीक्षण कार्यक्रम और अब तक की प्रगति की विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या 7.89 करोड़ से अधिक है, जिनमें से अब तक 90.64 प्रतिशत से गणना प्रपत्र प्राप्त हो चुके हैं, जबकि 88.25 प्रतिशत प्रपत्र अपलोड किए जा चुके हैं। उन्होंने राजनीतिक दलों को जिलावार प्रगति रिपोर्ट सौंपते हुए शेष मतदाताओं से प्रपत्र भरने में सहयोग की अपील की।
सीईओ ने बताया कि जिला एवं निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी स्तर पर राजनीतिक दलों को उन मतदाताओं की सूची उपलब्ध करा दी गई है, जिनसे अभी तक प्रपत्र प्राप्त नहीं हुए हैं। उन्होंने दलों से आग्रह किया कि वे भी अपने स्तर पर ऐसे मतदाताओं की पहचान करें और उन्हें जागरूक करें।
बैठक में यह भी बताया गया कि मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाने के लिए प्रत्येक मतदान केंद्र पर एक बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) की नियुक्ति आवश्यक है, जो बीएलओ के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य करेगा। भारत निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिया है कि एक बीएलए प्रतिदिन अधिकतम 50 प्रपत्र जमा कर सकता है।
शहरी क्षेत्रों में मतगणना प्रपत्रों के वितरण के संबंध में बताया गया कि बीएलओ, पर्यवेक्षक, कर संग्रहकर्ता और नगर निकाय कर्मियों की सहायता से प्रत्येक वार्ड में घर-घर जाकर पहले से भरे हुए और सादे प्रपत्र वितरित किए जा रहे हैं। इस कार्य में लगभग चार लाख स्वयंसेवकों की भी मदद ली जा रही है।
इसके अलावा, विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान में मतगणना प्रपत्रों के अपलोड की स्थिति इस प्रकार है।
इन जिलों को 88 से 90 प्रतिशत जनगणना प्रपत्र प्राप्त
पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सुपौल, अररिया, कटिहार, मधेपुरा, सहरसा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सीवान, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, बेगुसराय, खगड़िया, भागलपुर, बांका, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, नालंदा, पटना, भोजपुर, बक्सर, कैमूर, रोहतास, अरवल, जहानाबाद, औरंगाबाद, गया, नवादा और जमुई।
इन जिलों को 82 से 88 प्रतिशत जनगणना प्रपत्र प्राप्त
सीतामढी, मधुबनी, किशनगंज, पूर्णिया और गोपालगंज।
सबसे ज़्यादा जनगणना प्रपत्र डिजिटल रूप से अपलोड करने में लखीसराय (91.03), जहानाबाद (91.13), अरवल (91.33), कैमूर (91.46), शेखपुरा (91.89) और खगड़िया (92.60) ज़िले सबसे आगे हैं। यहाँ 91 प्रतिशत से ज़्यादा जनगणना प्रपत्र अपलोड किए जा चुके हैं। जबकि गोपालगंज में सबसे कम 82.12 प्रतिशत जनगणना प्रपत्र अपलोड किए गए हैं।
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