BSSC पेपरलीक कांड: बिहार IAS एसोसिएशन को मिला केंद्रीय नेतृत्व का साथ
बीएसएससी पेपरलीक मामले में फंसे आइएएस अधिकारी सुधीर कुमार की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे बिहार आइएएस एसोसिएशन को अब केंद्रीय एसोसिएशन का साथ मिल गया है।
पटना [जेएनएन]। भ्रष्टाचार मामले में बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष सुधीर कुमार की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे सूबे के आइएएस एसोसिएशन को अब केंद्रीय आइएएस संगठन का साथ मिल गया है। केंद्रीय आइएएस एसोसिएशन ने गुरुवार को बिहार में अधिकारियों पर पुलिस कार्रवाई में केंद्र एवं राज्य सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
देशभर में करीब पांच हजार आइएएस अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले इस एसोसिएशन ने बिहार इकाई की मांग का समर्थन करते हुए पूरे मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है।
बिहार आइएएस एसोसिएशन ने दो दिन पहले बिहार के हालात से अपने केंद्रीय संगठन को अवगत कराते हुए सहयोग की मांग की थी। एसोसिएशन के सचिव विवेक कुमार सिंह ने संगठन की ओर से मेमोरेंडम भेजे जाने की पुष्टि की है।
उल्लेखनीय है कि बहुचर्चित पेपर लीक मामले में आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष सुधीर कुमार को पुलिस ने 24 फरवरी को गिरफ्तार किया था। आइएएस अफसरों ने पुलिस पर दुर्भावना पूर्वक काम करने का आरोप लगाया था और सीबीआई जैसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच की मांग की थी।
इसी क्रम में 26 फरवरी को आइएएस अफसरों ने राजभवन जाकर राज्यपाल रामनाथ कोविंद को अपना पक्ष बताते हुए सुधीर को तत्काल छोडऩे की गुहार लगाई थी। बाद में अफसरों ने मीडिया में यह बयान भी दिया था कि जबतक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी तबतक वे किसी का मौखिक आदेश नहीं मानेंगे।
करीब सात महीने पहले एसोसिएशन ने अपने एक अन्य साथी डा. जितेंद्र गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद भी विरोध जताया था। उस वक्त भी संगठन ने पुलिस जांच पर उंगली उठाते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी।
सीएम की सख्ती के बाद अफसरों के तेवर ढीले
आंदोलन कर रहे आइएएस अफसरों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सख्त संदेश दिया है, जिसके बाद से उनके तेवर ढीले नजर आने लगे हैं। मुख्यमंत्री ने 28 फरवरी को विधानसभा में कहा था कि अफसरों ने जो ज्ञापन राज्यपाल को दिया है वह उन्हें नहीं मिला है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि जब उन्हें ज्ञापन मिलेगा तभी वे इसकी जांच सही ढंग से कराएंगे। पुलिस जांच पर सवाल उठा रहे आइएएस अफसरों के लिए सीएम ने दोटूक कहा था कि सरकार सिर्फ आदेश दे सकती है। जांच की पहली एजेंसी पुलिस होती है।
सीएम ने कहा था कि इस देश में सबके लिए एक कानून है। राष्ट्रपति को छोड़कर यह सब पर लागू होता है। पेपर लीक मामले की जांच के लिए एसआइटी की टीम गठित कर दी गई है। सबूत के आधार पर कार्रवाई भी की जाएगी।
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