जनगणना 2027 तो लेकर 31 दिसंबर से प्रशासनिक सीमांकन पर रोक, पहली बार पूरी तरह डिजिटल मोड में होगी गणना
पटना में जनगणना 2027 की तैयारी शुरू हो गई है। 31 दिसंबर से प्रशासनिक इकाइयों के सीमांकन पर रोक लगेगी जो 31 मार्च 2027 तक प्रभावी रहेगी। जनगणना दो चरणों में होगी पहला चरण अप्रैल-सितंबर 2026 में और दूसरा 9-28 फरवरी 2027 तक चलेगा। इस बार जनगणना पूरी तरह से डिजिटल होगी जिसमें मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग किया जाएगा।

राज्य ब्यूरो, पटना। जनगणना के मद्देनजर इस साल 31 दिसंबर को प्रशासनिक इकाइयों के नए सिरे से सीमांकन पर रोक लग जाएगी। यह 31 मार्च 2027 तक प्रभावी रहेगी। राज्य में जनगणना 2027 की तैयारी शुरू कर दी गई है।
शुक्रवार को मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय जनगणना समन्वय समिति की बैठक हुई। समिति का उद्देश्य जनगणना कार्यों के लिए विभागों के बीच समन्वय, अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण करना है।
बैठक में बताया गया कि भारत की जनगणना 2027 दो चरणों में होगी। पहला चरण मकान सूचीकरण एवं मकानों की गणना का होगा। यह अप्रैल से सितंबर 2026 के बीच 30 दिनों की अवधि में सम्पन्न होगा।
9 फरवरी से गणना शुरू
दूसरा चरण, यानी वास्तविक गणना नौ से से 28 फरवरी 2027 तक चलेगी। पहली बार पूर्णतः डिजिटल मोड में जनगणना हो रही है। इसके लिए सेंसस मैनेजमेंट एंड मॉनिटरिंग सिस्टम पोर्टल बनाया गया है।
इसका पूर्व परीक्षण इस साल अक्टूबर-नवंबर में सीतामढ़ी के डुमरा, नवादा के रजौली एवं सारण के सोनपुर में होगा। इसमें पहली बार मोबाइल एप्लिकेशन का प्रयोग किया जाएगा।
बैठक में सामान्य प्रशासन, राजस्व एवं भूमि सुधार, शिक्षा, वित्त, योजना एवं विकास, समाज कल्याण, पंचायती राज, नगर विकास एवं आवास, ग्रामीण विकास, सूचना एवं जनसंपर्क एवं सूचना प्रावैधिकी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित हुए। गृह मंत्रालय, भारत सरकार के जनगणना कार्य निदेशालय के निदेशक ने संयोजक सदस्य के रूप में भाग लिया।
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