पटना के गर्दनीबाग अस्पताल में गिरा छत का प्लास्टर, बाल-बाल बचीं चिकित्सक
पटना के गर्दनीबाग अस्पताल में बुधवार को बड़ा हादसा टल गया। अस्पताल के कर्मचारियों के बैठने की जगह पर छत का प्लास्टर गिरने से एक महिला डॉक्टर बाल-बाल बचीं। कर्मचारियों ने पहले ही छत से पानी टपकने की शिकायत की थी। अस्पताल की उपाधीक्षक ने बताया कि अधिकारियों को कई बार पत्र लिखने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

जागरण संवाददाता, पटना। गर्दनीबाग अस्पताल में बुधवार को बड़ी घटना होने से बच गई। अस्पताल में जहां स्वास्थ्य कर्मी बैठते हैं, वहां छत का प्लास्टर टूटकर गिर गया। हादसे में एक महिला चिकित्सक बाल-बाल बच गई।
जिस स्थान का झज्जा गिरा, वहां वर्षा का पानी टपक रहा था। इसको लेकर पहले ही कर्मियों ने शिकायत की थी। हादसे के बाद से अस्पतालकर्मी सहमे हुए हैं। अस्पताल की उपाधीक्षक डॉ. सीमा सिंह ने बताया कि इस संबंध में कई बार अधिकारियों को पत्र लिखा है, लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है।
गर्दनीबाग अस्पताल की इमारत जर्जर हो गई है। स्थिति यह है कि छत में दरारें हैं। वर्षा का पानी परिसर में जमा हो जाता है। घटना के बाद चिकित्सकों एवं स्वास्थ्यकर्मियों में डर पैदा हो गया है। दवा वितरण काउंटर की छत भी टूट कर लटकी हुई है। हल्की वर्षा में ओपीडी रूम में जलजमाव हो जाता है। मरीजों को भी परेशानी होती है।
बारिश का पानी हो जाता है जमा
एक चिकित्सक ने बताया कि सोमवार से वर्षा का पानी परिसर में जमा है। अस्पताल के अंदर ओटी, वार्ड व कार्यालय में पानी पहुंच चुका था। अस्पताल के अंदर ऐसी भयावह स्थिति है कि कब कहां की छत गिर जाए कहा नहीं जा सकता है।
उपचार कराने के लिए आने वाले मरीज भी डरे रहते हैं। वे भी कई सवाल उठाते हैं। आश्चर्य की बात है कि इसकी चारदीवारी से पटना सिविल सर्जन कार्यालय सटा है। अस्पताल के ऊपर मरीजों का काफी दबाव है। इसी अस्पताल से महिला थाना भी सटा हुआ है।
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