Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    CBSE Schools: स्कूलों में स्वस्थ वातावरण बनाएगी 'एंटी बुलिंग कमेटी', छात्रों को उत्पीड़न से बचाने का प्रयास

    Updated: Mon, 08 Dec 2025 08:40 PM (IST)

    स्कूलों में स्वस्थ वातावरण बनाने के लिए 'एंटी बुलिंग कमेटी' का गठन किया गया है। यह कमेटी स्कूलों में छात्रों के बीच होने वाली बदमाशी और उत्पीड़न को रो ...और पढ़ें

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, पटना। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध स्कूलों में उत्पीड़न की रोकथाम और स्वस्थ वातावरण निर्माण के लिए एंटी बुलिंग कमेटी गठित की जाएगी। सीबीएसई ने सभी क्षेत्रीय कार्यालय को इस संबंध में निर्देश दिया है। सीबीएसई ने कहा है कि स्कूलों में गठित की जाने वाली इस कमेटी की निगरानी क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा की जाएगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारी समय-समय पर स्कूलों का निरीक्षण करेंगे। इसके अलावा स्कूल परिसर में प्रमुख जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।

    एनसीईआरटी की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्चे आपस में एक -दूसरे को चिढ़ाते और परेशान करते हैं। दबाव में बच्चे गलत कदम उठा लेते हैं। सीबीएसई ने एनसीईआरटी की रिपोर्ट के आधार पर प्रत्येक स्कूल में एंटी बुलिंग कमेटी गठित करने का निर्णय लिया है।

    एंटी बुलिंग कमेटी न्यायपूर्ण मंच प्रदान करती है

    स्कूलों में एंटी बुलिंग कमेटी एक ऐसी समिति होती है जिसका गठन स्कूल परिसर में बच्चों के बीच होने वाले उत्पीड़न की रोकथाम और उससे निपटने के लिए किया जाता है। यह पीड़ित छात्र-छात्राओं को एक सुरक्षित और न्यायपूर्ण मंच प्रदान करती है। कमेटी के सदस्य घटनाओं की तुरंत पहचान और समाधान करके माहौल को बेहतर बनाने का प्रयास करते हैं।

    यह स्कूल परिसर को एक डर-मुक्त, सकारात्मक और सम्मानजनक वातावरण बनाने में मदद करती है। कमेटी में प्रधानाचार्य (कमेटी के अध्यक्ष), वरिष्ठ शिक्षक, स्कूल काउंसलर और एक चिकित्सा अधिकारी शामिल होते हैं। साथ ही इसमें विद्यार्थियों के प्रतिनिधि और अभिभावकों के प्रतिनिधि भी सदस्य होते हैं।

    एनसीईआरटी ने बच्चों पर किया था सर्वे

    एनसीईआरटी ने अपनी एजेंसी के माध्यम से इसको लेकर देश के 92,444 बच्चों पर सर्वे किया था। सर्वे में 31 प्रतिशत बच्चों ने बताया था कि उन्हें दूसरे बच्चे परेशान करते हैं तो वहीं सर्वे में शामिल 41 प्रतिशत स्कूलों में एंटी बुलिंग कमेटी के नहीं होने की बात सामने आई थी।

    क्या है एंटी-बुलिंग कमेटी?

    स्कूलों में बदमाशी, धमकाने और उत्पीड़न को रोकने, पहचानने और उससे निपटने के लिए बनाई गई एक आधिकारिक समिति होती है। जिसमें शिक्षक, काउंसिलर के अलावा अभिभावक व विद्यार्थी भी शामिल होते हैं।

    यह कमेटी विद्यार्थियों के बीच शारीरिक, मौखिक, सामाजिक या ऑनलाइन बदमाशी की घटनाओं की जाच करती है और पीड़ितों का समर्थन करती है, साथ ही बदमाशी करने वालों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश करती है, ताकि स्कूलों में सभी के लिए एक स्वस्थ माहौल बन सके। इस संबंध में कमेटी कार्यशालाओं, पोस्टर और नाटकों के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाती है।

    एंटी बुलिंग कमेटी प्रत्येक स्कूल में होती है। कमेटी के सदस्य स्कूल में स्वस्थ वातावरण बनाने का प्रयास करते हैं। इसके तहत बच्चों में किसी तरह का भेद भाव न हो, साथ ही डर-मुक्त, सकारात्मक और सम्मानजनक वातावरण बनाने में मदद करती है। इसके अलावा बच्चों को साइबर सुरक्षा के संबंध में जानकारी दी जाती है। यह सीबीएसई की अच्छी पहल है। - एसी झा, सिटी-को-आर्डिनेटर, सीबीएसई