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    थाईलैंड तक कनेक्‍शन, अब CBI की एंट्री, बिहार पुल‍िस के प्रस्‍ताव पर गृह मंत्रालय ने लगाई मुहर

    By Kumar RajatEdited By: Vyas Chandra
    Updated: Fri, 07 Nov 2025 10:32 PM (IST)

    बिहार में फर्जी सिम बॉक्स से साइबर ठगी के अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का खुलासा हुआ है। गृह विभाग ने मामले की जांच CBI को सौंप दी है। आर्थिक अपराध इकाई ने भोजपुर में समानांतर एक्सचेंज का संचालन पकड़ा था, जिसमें अंतरराष्ट्रीय कॉल को लोकल कॉल में बदलकर धोखाधड़ी की जा रही थी। जांच में नेपाल, चीन, थाईलैंड समेत कई देशों से तार जुड़े होने की जानकारी मिली है।

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    फर्जी सिम बाक्‍स मामले की सीबीआई करेगी जांच।

    राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में फर्जी सिम बाक्स की मदद से साइबर ठगी का अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट चलाने के मामले की जांच अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) करेगी।

    गृह विभाग ने बिहार पुलिस से यह केस सीबीआई को स्थानांतरित करने की अधिसूचना जारी कर दी है। सीबीआइ को इस मामले की जांच के लिए बिहार में अपनी शक्तियों एवं अधिकार का प्रयोग करने की सहमति प्रदान की गई है।

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    बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने भोजपुर के नारायणपुर गांव में फर्जी सिम बाक्स की मदद से समानांतर एक्सचेंज का संचालन करने का मामला पकड़ा था।

    इसमें सिम बाक्स के माध्यम से कंबोडिया, थाईलैंड और अन्य देशों की साइबर धोखाधड़ी एवं फ्राड से जुड़ी इंटरनेट काल (वीओआइपी काल) को लोकल जीएसएम काल में रूपांतरित कर लोगों से साइबर धोखाधड़ी की जा रही थी।

    प्रारंभकि जांच में प्रतिदिन हजारों की संख्या में फर्जी काल किए जाने की जानकारी मिली है। इसके तार नेपाल, चीन, लाओस, कंबोडिया, थाईलैंड समेत कई दक्षिण एशियाई देशों के साइबर अपराधियों से मिले हैं।

    इस मामले में आरोपित मुकेश कुमार को भी चार सिम बाक्स के साथ गिरफ्तार किया गया था। इसी तरह के मामले सुपौल और मोतिहारी में भी पकड़े गए थे जहां फर्जी सिम बाक्स की मदद से साइबर ठगी की जा रही थी।

    राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन के कारण गृह विभाग को भेजा गया था प्रस्ताव

    आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की जांच में फर्जी सिम बाक्स के तार देश के कई राज्यों से जुड़े मिले थे। इसमें कर्नाटक, तेलंगाना और उत्तरप्रदेश जैसे राज्य शामिल हैं।

    इसके अलावा दक्षिण एशियाई देशों के साइबर ठगों का भी सीधा जुड़ाव सामने आया था। इसी कारण बिहार पुलिस ने इस मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी से कराने का प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा था।

    गृह मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को मंजूर करते हुए सीबीआई को जांच की कमान सौंपने का निर्देश दिया है। अब जल्द ही सीबीआई के अधिकारी बिहार आकर फर्जी सिम बाक्स मामले की पूरी जानकारी ईओयू के अधिकारियों से लेंगे।