सीएए और एनआरसी को ठीक से समझने की जरूरत : विष्णु सदाशिव कोकजे
सीएए और एनआरसी को लेकर हो रहे विवाद और हिसक घटनाएं चीजों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है
पटना। सीएए और एनआरसी को लेकर हो रहे विवाद और हिसक घटनाएं चीजों को गलत तरीके से पेश करने का परिणाम हैं। लोगों को इन चीजों को समझने की जरूरत है। बिना कुछ समझे देश की शांति-व्यवस्था को भंग करना ठीक नहीं। ये बातें विश्व हिदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे ने कहीं। उनके आगमन पर बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
समारोह के दौरान कोकजे ने कहा कि 1950 में पंडित नेहरू ने लियाकत समझौता किया था, जिसमें भारत और पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यकों को सुरक्षा की बात कही गई थी। इसका अनुपालन पड़ोसी देशों ने नहीं किया। उन्होंने कहा कि परिषद का उद्देश्य सामाजिक समरसता बनाए रखना, लोगों को बेहतर इंसान बनाना और गौ रक्षा आदि कार्य हैं। देश में अनेक समस्याएं हैं, जिनका समाधान करने के लिए परिषद अपनी भूमिका अदा करता रहा है। कहा कि राम जन्मभूमि पर मंदिर बनाने को लेकर वर्षो से चली आ रही लड़ाई को आंदोलन का रूप देने में परिषद की अहम भूमिका रही। रामजन्म भूमि के लिए चार लाख से अधिक लोगों ने अपना बलिदान दिया।
हिदुत्व के अर्थ को समझने की जरूरत -
समारोह के दौरान कोकजे ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने हिदुत्व के हित में कई काम किए। आजकल हिदुत्व की बात करने वाले लोगों को पिछड़ा समझा जाता है। हिदू धर्म दुराचारियों का अहित करता है, सदाचारियों का नहीं। सभी धर्मो से जुड़े लोग ईश्वर के ही अंश हैं, देश में ऐसा भाव रखने की जरूरत है। जिन लोगों ने देश को धर्म और जाति के नाम पर बांटने की कोशिश की वो सभी असफल रहे।
विहिप के प्रति व्याप्त भ्रांतियों को दूर करना जरूरी
कोकजे के पटना आगमन पर उनके स्वागत में हिदू परिषद, बजरंग दल एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं की भीड़ रही। चैंबर ऑफ कॉमर्स में परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. आरएन दास, महावीर मोदी, प्रांत मंत्री परशुराम कुमार, क्षेत्रीय मंत्री वीरेंद्र विमल आदि ने कोकजे का स्वागत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पद्मश्री आरएन सिंह ने कहा कि परिषद को लेकर जो समाज में भ्रांतियां हैं उसे दूर करना है। क्षेत्रीय मंत्री वीरेंद्र विमल ने बिहार के गौरवशाली इतिहास का वर्णन करने के साथ रामजन्म भूमि में परिषद की योगदान की चर्चा की। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मोहन सिंह ने कहा कि दोनों संगठनों का उद्देश्य भारत के सनातन धर्म की रक्षा करने के साथ समाज में समरसता बनाने को है।
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