वाराणसी-हावड़ा-कोलकाता बुलेट ट्रेन का सर्वे तेज, बिहार के पांच बड़े शहरों से होकर गुजरेगी हाइ स्पीड रेल
Bullet Train in Bihar बिहार के लोगों का बुलेट ट्रेन का सपना जल्द पूरा होने की उम्मीद है। वाराणसी-हावड़ा हाइ स्पीड रेल का सर्वे शुरू हो चुका है। जिस ...और पढ़ें

पटना, आनलाइन डेस्क। Bullet Train in Bihar: बिहार के लोगों का बुलेट ट्रेन (High Speed Rail) का सपना अब जल्द पूरा होने की उम्मीद है। दरअसल, वाराणसी-हावड़ा हाइ स्पीड रेल के लिए सर्वे का काम शुरू हो चुका है। बिहार सर्वे करने वाली कंपनी झारखंड के गिरिडीह जिले में अपना काम कर रही है। गिरिडीह के बगोदर से होकर बुलेट ट्रेन को ले जाने की योजना है। यह रेल लाइन 760 किलोमीटर लंबी होगी, जो बिहार में पटना, झारखंड में धनबाद और बंगाल में बर्दवान से होते हुए गुजरेगी। वाराणसी से दिल्ली के बीच हाइ स्पीड रेल नेटवर्क का काम पहले ही तेज है। इन दोनों रूटों का काम पूरा होने के बाद दिल्ली से हावड़ा का सफर चंद घंटे में पूरा हो सकेगा। इस रूट का फाइनल अलाइनमेंट अभी तय नहीं हुआ है। जिस रूट के लिए सर्वे किया जा रहा है, उसमें बक्सर, आरा, पटना, बिहारशरीफ और नवादा में स्टेशन बनाए जा सकते हैं।
सामाजिक प्रभाव और पुनर्वास पर होने वाले खर्च का हो रहा आकलन
वाराणसी-हावड़ा हाइ स्पीड रेल नेटवर्क के लिए सामाजिक प्रभाव और पुनर्वास पर होने वाले खर्च के सर्वे का काम टीला कंसल्टेंट्स एंड कॉन्ट्रैक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड और मोनार्क सर्वेयर्स एंड इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के कंसोर्टियम को दिया गया है। नेशनल हाइ स्पीड रेल कारपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) इस प्रोजेक्ट के लिए डीपीआर (Detailed Project Report (DPR)) बनाने में जुटी है।
अलग एजेंसी कर रही है एरियल सर्वे का काम
इस रूट के लिए रेल रूट के एरियल सर्वे का काम अन्य एजेंसी को दिया गया है। ग्रोवर इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड, एल एन मालवीय इंफ्रा प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के कंसोर्टियम को इसका काम मिला है। यह कार्य 150 दिनों के अंदर पूरा कर लिया जाना है।
पटना के व्यवसायियों ने की थी बुलेट ट्रेन की मांग
पटना के व्यवसायियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को ही पटना तक विस्तार देने की मांग की थी। इस प्रोजेक्ट का काम पहले पूरा होने की उम्मीद है। बिहार चैंबर आफ कामर्स का कहना है कि बुलेट ट्रेन से पटना को जल्दी जोड़ने का फायदा बड़ी आबादी को होगा। इससे राज्य में वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

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