Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मैट्रिक परीक्षा में कम नंबर क्‍या आए, लड़की ने दिल पर ले लिया; सिवान और बेगूसराय की गलती आप मत करना

    By Shubh Narayan PathakEdited By:
    Updated: Sat, 02 Apr 2022 04:11 PM (IST)

    Matric Result Update बिहार विद्यालय परीक्षा समिति यानी बिहार बोर्ड ने मार्च महीने की आखिरी तारीख को मैट्रिक परीक्षा का रिजल्‍ट जारी कर दिया। इस परीक्ष ...और पढ़ें

    Hero Image
    मैट्रिक परीक्षा देने वाले छात्र-छात्रा न करें ऐसी गलती। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    बड़हरिया (सिवान)/छौड़ाही (बेगूसराय) , जागरण टीम। BSEB, Bihar Board Matric Result: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने पिछले दिनों मैट्रिक परीक्षा का रिजल्‍ट जारी कर दिया। इसमें कई छात्र-छात्राओं को उनकी उम्‍मीद से भी अधिक अंक मिले तो कई लोग थाेड़े मायूस भी दिखे। सिवान की एक लड़की को उसकी सहेली से कम नंबर आए तो उसने इसे दिल पर ले लिया, तो दूसरी तरफ बेगूसराय की एक लड़की ने तो और भी खतरनाक कदम उठा लिया। ऐसी गलती किसी भी छात्र-छात्रा को किसी हालत में नहीं करनी चाहिए। चाहे परीक्षा में कम नंबर आने का मामला हो, या फिर आप फेल ही हो गए हों। हार और असफलता से घबराने की बजाय आगे की तैयारी को और बेहतर करना ही समझदारी है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हृदय गति रुकने से हो गई मौत 

    सिवान जिले के बड़हरिया थाना क्षेत्र के लकड़ी दरगाह की स्थित एक छात्रा की मैट्रिक परीक्षा में कम नंबर आने के कारण हृदय गति रुकने से मौत हो गई। मृतका लकड़ी दरगाह निवासी आजाद अली की पुत्री सानिया खातून है। ज्ञात हो कि 31 मार्च की शाम में मैट्रिक परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ। सानिया को उम्मीद से भी बहुत कम नंबर आया था, वहीं उसकी सहेली को बहुत अच्छा अंक आया था। इस वजह सानिया डिप्रेशन में चली गई और हार्ट अटैक से उसकी मौत हो गई।

    सहेेली को आया था फर्स्‍ट डिवीजन

    गंभीर हालत में स्वजन उसे मीरगंज स्थित एक निजी अस्पताल ले गए जहां से चिकित्सक द्वारा सदर अस्पताल रेफर कर दिया। सदर अस्पताल जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृत सानिया की मां अफसाना खातून, चाचा मेराज अली व स्वजनों ने बताया कि सानिया राजेंद्र हाई स्कूल हथुआ से मैट्रिक रजिस्ट्रेशन कराई थी। परीक्षा में सानिया द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण हुई जबकि उसकी सहेली प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुई थी। कम नंबर आने पर सानिया काफी दुखित हुई और उसे हार्ट अटैक हो गया। वह दो भाई व दो बहनों में सबसे बड़ी थी। 

    मैट्रिक में फेल छात्रा ने की खुदकुशी

    इधर, बेगूसराय जिले के छौड़ाही ओपी क्षेत्र के बखड्डा गांव में मैट्रिक परीक्षा में असफल होने पर एक छात्रा ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। घटना के बाद स्वजनों में कोहराम मचा गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बेगूसराय भेज छानबीन शुरू कर दी है। मृतका उच्च विद्यालय छौड़ाही की छात्रा थी। छौड़ाही ओपी अध्यक्ष राघवेंद्र कुमार ने बताया कि पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है। 

    परीक्षा में फेल होनेे से नहीं बंद होते रास्‍ते

    जिंदगी लंबी है और इसमें संघर्ष और परीक्षाओं के तमाम मोड़ आते हैं। किसी एक परीक्षा में कम नंबर आने पर आपके रास्‍ते बंद नहीं होते। इतिहास में ऐसे कई महापुरुषों के उदाहरण हैं, जो स्‍कूल की मामूली परीक्षाओं में तो फेल हो गए, लेकिन आगे चलकर उन्‍होंने मानवता का काफी भला किया और नाम कमाया। यह भी संभव है कि जो बच्‍चा गणित में फेल हो गया हो, वह एक अच्‍छा कलाकार हो, चित्रकार हो, गीतकार हो या गायक हो। आदमी में कई तरह के गुण होते हैं। जरूरी नहीं कि हर आदमी गणित में तेज हो या हर आदमी अच्‍छा चित्रकार हो। हमें अपनी खास‍ियत और खूब‍ियों की पहचान कर उन्‍हें निखारना चाह‍िए।