BPSC 70th Exam: कैसे जारी होगा 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट? आयोग ने दिया क्लियर जवाब
बीपीएससी द्वारा आयोजित 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम को लेकर छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है। छात्रों की मांग है कि परिणाम नॉर्मलाइजेशन विधि से जारी किया जाए जबकि आयोग का कहना है कि ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इस बीच आयोग ने स्पष्ट किया है कि 13 दिसंबर को होने वाली परीक्षा एकल पाली में दोपहर 1200 बजे से 200 बजे तक होगी।

जागरण संवाददाता, पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) का घेराव करने शुक्रवार को पहुंचे दर्जनों छात्रों को पुलिस ने लाठीचार्ज कर नेहरू पथ (बेली रोड) से खदेड़ दिया। पुलिस ने पहले छात्रों को प्रतिबंधित क्षेत्र में जमा होने से मना किया तो वे लोग आक्रोशित हो गए और हटने से इन्कार कर दिया। इसके बाद पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। किसी ने इसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर दिया।
इधर, शास्त्रीनगर थाना अध्यक्ष ने बताया कि पुलिस ने लाठीचार्ज नहीं किया है। निरोधात्मक कार्रवाई करते हुए चर्चित खान सर (Khan Sir) समेत सात लोगों को हिरासत में लिया गया था, जिन्हें बाद में बांड भरवाकर छोड़ दिया गया। एक-डेढ़ घंटे तक बीपीएससी कार्यालय के आसपास अफरातफरी मची रही। आयोग का घेराव करने पहुंचे छात्र नार्मलाइजेशन विधि से एकीकृत 70वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा का परिणाम जारी नहीं करने की मांग के लिए जुटे थे।
#WATCH बिहार: शिक्षक और यूट्यूबर खान सर ने कहा, "...यह कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें परीक्षा से ठीक एक सप्ताह पहले चाणक्य की धरती पर अपनी मांग के लिए विरोध प्रदर्शन करना पड़ रहा है। हम चाहते हैं कि (BPSC के)अध्यक्ष यह कहें कि सामान्यीकरण नहीं होगा और परीक्षाएं एक ही पाली में… https://t.co/OaQCDiJeQ0 pic.twitter.com/Udi4V7E0vS
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 6, 2024
इस संबंध में बीपीएससी अध्यक्ष ने कहा कि आयोग पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि नॉर्मलाइजेशन से परिणाम जारी नहीं होगा। फिर भी कुछ शरारती तत्व अपने लाभ के लिए अभ्यर्थियों को भ्रमित कर नॉर्मलाइजेशन के विरोध में घेराव के लिए पहुंच गए। 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम पूर्व की तरह ही प्रकाशित किया जाएगा।
प्रदर्शनकारियों की मांग और आयोग का पक्ष
- नॉर्मलाइजेशन विधि से परिणाम जारी नहीं हो:
एकीकृत 70वीं का परिणाम नार्मलाइजेशन विधि से जारी होगा, इसकी अधिसूचना आयोग ने कभी जारी नहीं किया गया है। 13 दिसंबर को आयोजित होने वाली प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम नॉर्मलाइजेशन विधि से जारी नहीं किया जाएगा।
- सर्वर डाउन होने के कारण कई छात्र आवेदन करने से वंचित हो गए, आवेदन की तिथि बढ़ाई जाए:
आयोग ने आवेदन की अंतिम तिथि 18 अक्टूबर निर्धारित किया था, कुछ अभ्यर्थियों ने त्योहार के कारण तिथि बढ़ाने की मांग की थी, जिसे स्वीकार करते हुए चार नवंबर तक आवेदन स्वीकार किए गए। अंतिम दिन भी 20 हजार से अधिक अभ्यर्थियों के आवेदन स्वीकार किए गए हैं। यह मांग तत्काल करने पर आयोग विचार भी कर सकता था। परीक्षा का कार्यक्रम जारी होने के बाद ऐसी मांग पर समझ से परे है।
- आयोग अभ्यर्थियों की परेशानी को नहीं सुनता है:
आयोग का कहना है कि आंसर-की पर दो बार आपत्ति ली जाती है। वस्तुनिष्ठ परीक्षा की आंसर-की और रिस्पांस शीट दोनों अभ्यर्थियों को उपलब्ध कराया जाता है। मुख्य परीक्षा की उत्तर पुस्तिका भी अभ्यर्थियों को उपलब्ध कराई जाती है। अभ्यर्थी की दुश्वारियों को ईमेल के माध्यम से स्वीकार कर उसका निदान किया जाता है।
अभ्यर्थी भ्रमित नहीं हो, 13 को होगी परीक्षा: अध्यक्ष
बीपीएससी अध्यक्ष परमार रवि मनुभाई ने बताया कि कुछ असमाजिक तत्व स्वयं के लाभ के लिए अभ्यर्थियों को भ्रमित कर रहे हैं। आयोग ने कभी नहीं कहा है कि नार्मलाइजेशन से परिणाम जारी किया जाएगा। रिकॉर्ड पद होने के कारण ज्यादा अभ्यर्थियों के आवेदन करने के सवाल पर कहा गया था कि यदि अभ्यर्थी ज्यादा होते हैं तो दो पाली में परीक्षा लेने की संभावना बन सकती है, लेकिन परीक्षा के लिए सिर्फ चार लाख 83 हजार अभ्यर्थियों ने ही आवेदन किए हैं।
परीक्षा 13 दिसंबर को एकल पाली में दोपहर 12:00 बजे से 2:00 बजे तक होगी। अभ्यर्थी किसी तरह की भ्रांति में नहीं रहे हैं। परीक्षा निर्धारित तिथि को ही होगी। शुक्रवार की शाम 12-15 घंटे में ही तीन लाख से अधिक अभ्यर्थी प्रवेश पत्र डैशबोर्ड से डाउनलोड कर चुके हैं।
क्या है नॉर्मलाइजेश विधि?
पटना साइंस कॉलेज के सहायक प्राध्यापक प्रो. अशाेक कुमार झा ने बताया कि एक ही परीक्षा जब अनेक प्रश्न पत्रों और पालियों में आयोजित की जाती है तो उसका परिणाम नॉर्मलाइजेश विधि से तैयार किया जाता है। इसका परिणाम प्रतिशत अंक के बजाए प्राप्त परसेंटाइल पर जारी किया जाता है। इसका उद्देश्य विभिन्न पालियों में आयोजित परीक्षा के परिणामों को समान स्तर पर लाना होता है। इसका कारण यह है कि जब एक से अधिक पालियों में परीक्षा होती है, तो हर पाली का प्रश्न पत्र थोड़ा अलग हो सकता है, जिससे कुछ छात्रों को अधिक आसान या कठिन प्रश्नों का सामना करना पड़ता है। यह वैश्विक रूप से प्रमाणित विधि है।
देश में जेईई मेन, सीयूईटी, यूजीसी नेट, एसएससी, आरआरबी आदि का परिणाम नार्मलाइजेश विधि से ही जारी होता है। अभ्यर्थियों की संख्या अधिक होने की स्थिति में एक से अधिक पाली और तिथि में परीक्षा आयोजित करना परीक्षा एजेंसियों की मजबूरी है और जब एक से अधिक प्रश्न पत्र से परीक्षा होगी तो परिणाम के लिए नार्मलाइजेशन विधि ही सभी अपनाते हैं।
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