BPSC ने 74 पदों पर निकाली भर्ती, मगर आवेदन मिले सिर्फ 2; योग्यता पर उठे सवाल
बिहार के मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों के लिए बीपीएससी द्वारा जारी विज्ञापन में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के 74 पद हैं। आवेदन की अंतिम तिथि तक केवल दो चिकित्सकों ने ही आवेदन किया है। एनएमसीएच और अन्य मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सकों ने योग्यता में बदलाव के लिए बीपीएससी को पत्र लिखा है।

जागरण संवाददाता, पटना। प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए बीपीएससी द्वारा निकाले विज्ञापन में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के 74 पद हैं। आवेदन के अंतिम दिन तक इन पदों के लिए सिर्फ दो चिकित्सकों ने ही आवेदन किया है।
इसे देखते हुए एनएमसीएच समेत कई मेडिकल कॉलेजों में इमरजेंसी मेडिसिन पदों पर पूर्व कार्य कर रहे मेडिसिन, ऑर्थोपेडिक व सर्जरी विभाग के सीनियर रेजिडेंट ने इन विभागों को अनिवार्य योग्यता में शामिल करने के लिए बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक को पत्र लिखा है।
इसमें एम्स नई दिल्ली, आईजीआईएमएस व कई अन्य राज्यों में मेडिसिन, ऑर्थोपेडिक, सर्जरी के तीन वर्षीय रेजिडेंसी को असिस्टेंट प्रोफेसर हेतु योग्य मानने का हवाला दिया गया है।
एनएमसी ने हर मेडिकल कॉलेज में अनिवार्य किया इमरजेंसी मेडिसिन विभाग:
बताते चलें कि नेशनल मेडिकल कमीशन ने हर मेडिकल कॉलेज में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग शुरू करने को अनिवार्य बना दिया है। इस कारण इस विषय में असिस्टेंट प्रोफेसरों की बहाली निकाली गई है।
बिहार के किसी भी मेडिकल कॉलेज में इस विषय में पीजी की पढ़ाई अभी तक नहीं होती है। ऐसे में इस विषय के तीन वर्ष पूरे कर चुके सीनियर रेजिडेंट नहीं मिल रहे हैं।
बिहार सरकार ने 2023 में इस विभाग की स्थापना के लिए हड्डी रोग, सर्जरी एवं मेडिसिन के 45 चिकित्सकों को सीनियर रेजिडेंट के रूप में नियुक्त किया था। हालांकि, इनका कार्यानुभव अभी तीन वर्ष का नहीं हुआ है।
इन चिकित्सकों ने अधीक्षक, विभागाध्यक्ष के माध्यम से कार्यानुभव के आधार पर खुद को इमरजेंसी मेडिसिन के सहायक प्रोफेसर के लिए योग्य माने जाने का आवेदन बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव एवं स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से की है।
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