Black fungus Update: ये पांच सावधानी रखें तो होगा ब्लैक फंगस का खतरा कम, एम्स,पटना के डॉक्टर बता रहे टिप्स
Black fungus Update ब्लैक फंगस की समस्या से निजात के लिए कुछ सावधानियां बेहद कारगर साबित हो सकती हैं। एम्स पटना के डॉक्टरों का कहना है कि कोविड के इलाज के दौरान ही ब्लैक फंगस से बचाव हो सकता। इसे लेकर एम्स पटना में भी कई बदलाव आरंभ हुए ।

पटना,नलिनी रंजन। कोरोना संक्रमण की रफ्तार जहां कम हो रही है, वहीं अब ब्लैक फंगस के मामले बढ़ रहे हैं। ब्लैक फंगस की समस्या से निजात के लिए कुछ सावधानियां बेहद कारगर साबित हो सकती हैं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान पटना (एम्स) के विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना के उपचार के दौरान ही मरीजों का चार-पांच बिंदुओं पर ख्याल रखा जाएं तो ब्लैक फंगस से उन्हें बचाया जा सकता है।
कोरोना के उपचार के दौरान शुगर को नियंत्रित रखें :
एम्स पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रो. डॉ. सौरभ करमाकर ने बताया कि कोरोना के उपचार के दौरान शुगर को नियंत्रित रखें। इसमें सबसे बड़ी बात यह कि ऑक्सीजन लगने वाले मरीजों को ऑक्सीजन के ह्यूमिडिफायर के पानी को हर दिन बदलना चाहिए। इसमें मिथाइलीन ब्लू डाई का उपयोग कर सकते हैं। यदि संभव हो सकें तो ह्यूमिडिफायर में आरओ के पानी का उपयोग करें। कोरोना संक्रमित मरीज हर दिन सुबह-शाम बीटाडिन गार्गल करें। इससे मुंह की बेहतर सफाई हो जाती है। इससे मुंह के माध्यम से किसी अन्य संक्रमण की आशंका को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
एम्स में 30 एडमिट, दो दर्जन से अधिक का ऑपरेशन :
एम्स पटना की ईएनटी विभागाध्यक्ष डॉ. क्रांति भावना ने बताया कि म्यूकर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) के मरीजों से 30 बेड का वार्ड फुल हो चुका है। हर दिन दो-तीन मरीजों का ऑपरेशन किया जा रहा है। यहां अबतक दो दर्जन से अधिक मरीजों का ऑपरेशन भी हो चुका है। कई मरीज ठीक होकर घर भी जा चुके हैं। वार्ड फुल होने के बाद इसके विस्तार की कवायद की जा रही है। वार्ड में भी काफी मरीज पहुंच रहे हैं। वार्ड फुल होने के कारण कई मरीजों को लौटाना भी पड़ा है।

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