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    Bihar Politics: 112 अत्यंत पिछड़ी जातियों को साधने के लिए भाजपा बना रही रणनीति, 36% वोट बैंक पर नजर

    Updated: Fri, 04 Jul 2025 08:47 PM (IST)

    बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा 112 अत्यंत पिछड़ी जातियों को साधने के लिए रणनीति बना रही है। इसके तहत पार्टी 28 पिछड़ी और अत्यंत पिछड़ी जातियों के सामाजिक सम्मेलन करा रही है ताकि 36% वोट बैंक को अपने साथ जोड़ा जा सके। प्रधानमंत्री मोदी के सुझाव पर यह पहल की गई है जिसमें जातीय समीकरणों को मजबूत करने पर ध्यान दिया जा रहा है।

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    अत्यंत पिछड़ी जातियों को साधने के लिए भाजपा बना रही रणनीति

    राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की 112 अत्यंत पिछड़ी जातियों को साधने के लिए भाजपा दूरगामी रणनीति पर काम कर रही है। पार्टी के लिए यह महत्वपूर्ण दायित्व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय संभाले हुए हैं।

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    भाजपा इसके लिए विभिन्न समाज से जुड़े वरिष्ठ कार्यकर्ताओं, जन-प्रतिनिधियों एवं पार्टी पदाधिकारियों के सहयोग से लगभग 28 पिछड़ी एवं अत्यंत पिछड़ी जातियों का सामाजिक सम्मेलन पटना से लेकर जिलों एवं विधानसभा क्षेत्र में करा चुकी है।

    इसके माध्यम से 36 प्रतिशत वोट बैंक को पार्टी के प्रति कटिबद्ध बनाए रखने की जुगत है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सुझाव पर पार्टी ने इस दिशा में पहल की है।

    उल्लेखनीय है कि 29 मई को बिहार भाजपा प्रदेश मुख्यालय में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, जनप्रतिनिधियों, मंत्रियों एवं कार्यकर्ताओं के साथ ही प्रदेश पदाधिकारियों से मुलाकात के दौरान जनाधार विस्तार के लिए कई बिंदुओं पर ध्यान आकृष्ट किया था। इसमें सामजिक एवं जातिगत बैठक एवं सम्मेलन महत्वपूर्ण एजेंडा था। कुल उपक्रम के पीछे लक्ष्य यह है कि चुनाव में जातीय कार्ड असरदार बनाए रखना है।

    कुल जातियों में भी इस बार अत्यंत-पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) एवं अनुसूचित जाति (एससी) को साधने पर विशेष फोकस है। इसका कारण इन जातियों का संख्या बल है। भाजपा का प्रयास परंपरागत मतदाता वर्ग के साथ ही अन्य जातियों को साधकर चुनावी वैतरणी से पार पाने की जुगत है। इसके लिए जातीय सम्मेलनों व संगोष्ठियों का दौर-सा चल रहा है।

    समाज के साथ पार्टी के बड़े नेता को टास्क

    जातिगत सम्मेलन एवं बैठक में पार्टी की ओर से अनिवार्य रूप से समाज के बड़े नेताओं की उपस्थिति के साथ ही प्रदेश पदाधिकारियों एवं नेताओं के अतिरिक्त नीतीश एवं मोदी सरकार के मंत्रियों की सहभागिता भी सुनिश्चित की जा रही है।

    बकौल मंगल पांडेय, 28 विभिन्न समाज की बैठक एवं सम्मेलन का आयोजन पिछले दो महीने संपन्न हुआ है। यह क्रम आगे भी अनवरत रखने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

    बता दें कि बिहार में पिछड़ा वर्ग में कुल 30 जातियां है। अनुसूचित समाज में कुल 22 जातियां हैं। वहीं, अनुसूचित जनजाति वर्ग 32 जातियां हैं।

    बिहार में जातियों का गणित

    जाति प्रतिशत
    पिछड़ा वर्ग 27%
    अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36%
    अनुसूचित जाति 19%
    जनजाति 2%
    सामान्य वर्ग 16%