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    BJP: बिहार में लचर हालत पर अमित शाह ने दी थी चेतावनी, अब किस तरह मनोबल बढ़ा रही भाजपा?

    By Raman Shukla Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Sun, 07 Dec 2025 07:41 PM (IST)

    Bihar Politics: बिहार भाजपा में अंदरूनी कलह की खबरों के बाद अमित शाह ने पार्टी नेताओं को एकजुट होकर काम करने की चेतावनी दी थी। उन्होंने संगठन को मजबूत ...और पढ़ें

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    केंद्रीय गृहमंत्री की चेतावनी का द‍िखने लगा असर। जागरण आर्काइव

    राज्य ब्यूरो, पटना। Amit Shah Warning: विधानसभा में चुनाव में एनडीए एवं भाजपा की प्रचंड जीत के उपरांत दिल्ली में हुई भाजपा सांसदों एवं प्रदेश के शीर्ष नेताओं की बैठक में पार्टी की लचर संगठनात्मक जमीनी स्थिति को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सख्त चेतावनी दी थी। इसके पीछे पार्टी के पांच प्रवासी क्षेत्रीय चुनाव संगठन महामंत्रियों की फीडबैक है।

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    साथ ही प्रवासी लोकसभा एवं विधानसभा प्रभारियों की रिपोर्ट को लेकर बिहार भाजपा में हलचल बढ़ी हुई है। संभवत: भाजपा ने शाह के संदेश को ध्यान में रखते रविवार को प्रदेश मुख्यालय के अटल सभागार में सात मोर्चों के साथ ही विभाग, प्रकोष्ठ एवं प्रकल्प के पदाधिकारियों का अभिनदंन कर उत्साहवर्धन करने का प्रयास किया।

    विदित हो कि प्रवासी क्षेत्रीय संगठन महामंत्रियों ने बैठक में राज्य इकाई की कमजोर पड़ती जमीनी पकड़, बूथ स्तर पर सक्रियता की कमी और अंतर्कलह को गंभीर मुद्दा बताते हुए विस्तृत रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्री एवं भाजपा के शीर्ष रणनीतिकार अमित शाह को सौंपी है।

    जिलों में सांगठ‍न‍िक ढांचा कमजोर 

    संगठन महामंत्रियों ने स्पष्ट रूप से उल्लेख किया कि कई जिलों में पार्टी का जमीनी ढांचा पिछले कुछ वर्षों में कमजोर हुआ है। बूथ समितियों के सक्रिय न रहने, युवा मोर्चा एवं महिला मोर्चा के साथ ही कई इकाइयों के निष्क्रिय पड़ने तथा पंचायत स्तर पर समन्वय की कमी को बड़ी चुनौती के रूप में चिह्नित किया गया है।

    रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ जिलों में पार्टी कार्यक्रमों में अपेक्षित भीड़ नहीं जुट रही है, जिससे यह संकेत मिलता है कि कार्यकर्ताओं में ऊर्जा और दिशा दोनों की कमी है। यह भी चिंता जताई है कि पार्टी के अंदर खींचतान और स्थानीय स्तर पर नेताओं के बीच तालमेल की कमी से संगठनात्मक कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

    रिपोर्ट में यह सिफारिश की गई है कि जिला स्तर पर संगठन पुनर्गठन, बूथ सुदृढ़ीकरण अभियान को तेज करने, पुराने कार्यकर्ताओं को पुनः सक्रिय करने और नए सदस्यों को प्रशिक्षित करने पर तुरंत कदम उठाए जाने चाहिए। 

    उधर, पार्टी के अंदर क्षेत्रीय एवं समाजिक स्तर पर भी मंत्रिमंडल बंटवारे में उपेक्षा को लेकर कार्यकर्ताओं में आक्रोश है। मजबूत जनाधार वाले कई जिलों को प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। आधार वोट बैंक वाले समाज की भी उपेक्षा हुई है।

    संभवत: इसे ध्यान में रखते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने अभिनंदन समारोह में कहा कि सभी प्रकोष्ठों एवं विभागों के पदाधिकारियों का उत्साह, समर्पण और सक्रिय सहभागिता हमारे संगठन की शक्ति, अनुशासन और निरंतर बढ़ते जनविश्वास का सशक्त प्रमाण है। उन्होंने कहा कि यह जनविश्वास हमारे संगठन की पूंजी है जिसे हमें टूटने नहीं देना है। आने वाले समय में निर्धारित कार्ययोजनाओं को धरातल पर उतारते हुए संगठन को नई ऊर्जा एवं गति प्रदान करने का संकल्प दोहराया गया।