Patna news: तेजस्वी की जुबान पर भड़की भाजपा, सूत्र की जगह आपत्तिजनक शब्द पर फंसे लालू के लाल
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा है कि यह प्रेस का अपमान है। इस देश में प्रेस को हमेशा चौथा स्तंभ माना गया है। तेजस्वी यादव को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए पश्चाताप करना चाहिए।राष्ट्रीय महामंत्री निखिल आनंद ने कहा है कि तेजस्वी पर गलत संगत एवं संस्कार का असर स्पष्ट रूप से मीडिया के सामने छलक रहा है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, पटना। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं महागठबंधन के भावी मुख्यमंत्री प्रत्याशी तेजस्वी यादव द्वारा मीडिया के सूत्र आपत्तिजनक शब्बद बताने पर भाजपा भड़क गई है। अभद्र टिप्पणी पर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद संजय जयसवाल ने कहा, "...मीडिया कर्मियों के सामने या किसी भी मनुष्य के बारे में इस तरह की टिप्पणियां केवल तेजस्वी यादव ही कर सकते हैं। तेजस्वी यादव की समस्या यही है कि वे पढ़े-लिखे नहीं हैं, जिस कारण उनके घर पर मौजूद लोग उन्हें (तेजस्वी यादव को) जो भी रटवाते हैं वह वही बोलते हैं। लेकिन यदि कोई उससे बाहर का प्रश्न आएगा तो वे इसी तरह अभद्रता करेंगे।
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा है कि यह प्रेस का अपमान है। इस देश में प्रेस को हमेशा चौथा स्तंभ माना गया है। तेजस्वी यादव को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए, पश्चाताप करना चाहिए।
तेजस्वी की प्रतिक्रिया के विरुद्ध भाजपा पिछड़ा मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री निखिल आनंद ने कहा है कि तेजस्वी पर गलत संगत एवं संस्कार का असर स्पष्ट रूप से मीडिया के सामने छलक रहा है।
तेजस्वी की जुबान फिर फिसली, इस बार मतदाता-सूची पर
राजद की राष्ट्रीय परिषद के खुला अधिवेशन में अखबारों व पत्रकारों पर आपा खो बैठे तेजस्वी यादव की जुबान रविवार को एक बार फिर फिसली। उल्लेख हुआ कि मतदाता-सूची के विशेष पुनरीक्षण के दौरान नेपाल, बांग्लादेश व म्यांमार के लोगों के नाम मतदाता-सूची में दर्ज होने का अंदेशा है। इसकी प्रतिक्रिया में तेजस्वी ने कहा कि क्या निर्वाचन आयोग से इसका कोई प्रेस-नोट आया है। कोई दस्तावेज जारी हुआ है। यह खबर कहां से आई। सूत्र बता रहे ऐसा। ये वही सूत्र हैं, जिन्होंने पाकिस्तान में कब्जा करा दिया था। निर्वाचन आयोग स्वयं सामने आने के बजाय सूत्रों के हवाले से खबर प्लांट करवा रहा। ये वही सूत्र हैं, जो आपरेशन सिंदूर के दौरान लाहौर, कराची और इस्लामाबाद पर कब्जा कर चुके थे। हम ऐसे सूत्र को मूत्र समझते हैं, जो दुर्गंध फैलाता है।
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