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    अशोक चौधरी के कड़े बयान पर भाजपा ने साधा निशाना तो जदयू ने तरेरी आंख

    By Kajal KumariEdited By:
    Updated: Thu, 24 Nov 2016 11:14 PM (IST)

    बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और शिक्षामंत्री अशोक चौधरी के बयान के बाद भाजपा ने तंज कसते हुए कहा कि महागठबंधन कितना मजबूत है, दिख गया। वहीं जदयू ने भी इसपर आंखें तरेरी हैं।

    पटना [जेएनएन]। बिहार में महागठबंधन सरकार को लेकर चल रही खींचतान के बीच कल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी का ये कहना कि आलाकमान चाहे तो आज भी टूट सकता है बिहार में महागठबंधन...इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में कई समीकरण की संभावना बन रही है। जहां भाजपा ने अशोक चौधरी के बयान पर तंज कसा है वहीं जदयू ने कहा कि गठबंधन किसी दबाव में नहीं बनता है।

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    नेता प्रतिपक्ष ने कहा - गठबंधन की मजबूती हो गई है उजागर

    विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि बिहार में महागठबंधन की सरकार तीन नावों पर सवार है। तीनों पार्टियों के बीच बेमल गठबंधन है। महागठबंधन की गांठ कितनी मजबूत है यह बुधवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी के बयान से साफ हो गया है।

    राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश सिंह और पूर्व सांसद शाहबुद्दीन के बयान से यह बात पहले भी जाहिर हो चुकी थी। जदयू, राजद और कांग्रेस का न विचार मिलता है और न ही इनका मकसद एक है। बिहार में साथ सरकार चलाने वाले उत्तर प्रदेश में एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोंक रहे हैं।

    महागठबंधन के नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नोटबंदी का स्वागत कर रहे हैं वहीं, राजद और कांग्रेस इसके विरोध में हैं।

    नोटबंदी से उजागर हुआ सियासी दलों का दोहरा चरित्र : नंद किशोर

    भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव ने कहा है कि कालेधन के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा छेड़ी गई लड़ाई को मिल रहे अपार जनसमर्थन के बाद कई राजनेताओं और दलों का दोहरा चरित्र सामने आ गया।

    मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता के बीच अपनी छवि बरकरार रखने की कोशिश में सार्वजनिक तौर पर नोटबंदी का समर्थन कर रहे हैं। पर, नीतीश की पार्टी के शीर्ष नेता और प्रदेश के कई जदयू नेताओं समेत महागठबंधन में शामिल राजद और कांग्रेस नोटबंदी के फैसले का विरोध कर रहे हैं।

    वे संसद की कार्यवाही में गतिरोध पैदा करने से लेकर विरोध प्रदर्शन जैसी गतिविधियों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। बिहार में जनता के सहयोग के लिए प्रशासनिक व्यवस्था दुरुस्त करने के बजाय एक तरफ तो नीतीश की सरकार में शामिल कांग्रेस के मंत्री अशोक चौधरी अपने ही शासन के कायदे-कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

    राजधानी के प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रदर्शन कर रहे हैं तो दूसरी ओर सत्ताधारी महागठबंधन के नेता कालाधन रखने वालों को संरक्षित करने के लिए दिल्ली में रणनीति बनाने में मशगूल हैं ।

    आतंकवादियों के द्वारा कालेधन का इस्तेमाल भारतीय सेना के खिलाफ किए जाने की प्रमाणिक सूचनाओं को भी नजरंदाज किया जा रहा है। कालेधन की जमाखोरी करने वालों का हित साधने में लगे राजनीतिक दल जनभावनाओं को दरकिनार कर प्रधानमंत्री पर फैसला वापस लेने का दबाव बना रहे हैं।

    बिहार के वैसे राजनीतिक दल जो खुद को गरीबों, दलितों और किसान-मजदूरों के हितैषी होने का दंभ भरते हैं, नोटबंदी के खिलाफ खड़े हैं।

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    जदयू ने कहा - गठबंधन दबाव में नहीं बनता है

    कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्य के शिक्षा मंत्री डा. अशोक चौधरी के महागठबंधन को लेकर दिए गए बयान से जदयू में नाराजगी है। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह की प्रतिक्रिया में यह नाराजगी खुलकर सामने आई। उन्होंने कहा कि गठबंधन किसी के दबाव में नहीं बनता है।

    अपनी आवश्यकता और राजनीतिक परिस्थिति के मद्देनजर कोई भी दल गठबंधन का फैसला लेता है। कांग्रेस पार्टी अपने विवेक का इस्तेमाल करे। उसे जो बेहतर लगे वह फैसला ले। गठबंधन न तो किसी दबाव में काम करता है और न ही एकतरफा होता है।

    पढ़ें - अशोक चौधरी ने कहा : टूट सकता है महागठबंधन, तेजस्वी बोले : बयान बेमतलब

    बताते चलें कि डा. चौधरी ने बुधवार को मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि बिहार में आला कमान के फैसले के तहत कांग्रेस पार्टी महागठबंधन में शामिल है। आला कमान आज अलग हो जाने कहेगा तो कांग्रेस अलग हो जाएगी।