निजी अस्पतालों से जारी हुए जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र को मान्यता नहीं, आरटीआई से हुआ खुलासा
बिहार सरकार निजी अस्पताल से जारी किए गए जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्रों को मान्यता नहीं देती है। जबकि स्वास्थ्य के लिहाज से अधिकांश लोग सरकारी के बजाय निजी अस्पतालों में इलाज कराने को प्राथमिकता देते हैं। ऐसे में आरटीआई से हुआ यह खुलासा हैरान करने वाला है।

पटना, राज्य ब्यूरो। सरकार का सर्वाधिक फोकस संस्थागत प्रसव पर है। सरकारी आंकड़े भी बताते हैं कि राज्य के गांव, पंचायत, प्रखंडों में संस्थागत प्रसव की संख्या बढ़ी है। शहरों में तो पहले से ही संस्थागत प्रसव का चलन भी रहा है। शहरों के निजी अस्पतालों में इलाज, डिलेवरी का चलन भी आम है। इसके बावजूद राज्य के निजी स्वास्थ्य संस्थान, नर्सिंग होम की ओर से जारी जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र मान्य नहीं है। सूचना के अधिकार से मिली जानकारी के अनुसार, निजी स्वास्थ्य संस्थानों और नर्सिंग होम को जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने के लिए प्राधिकृत नहीं किया गया है।
आरटीआई कार्यकर्ता निराला कुमार चौधरी ने अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय से यह जानकारी मांगी गई थी कि निजी स्वास्थ्य संस्थान या नर्सिंग होम को जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र निर्गत करने का अधिकार है अथवा नहीं। उनका दावा है कि निजी अस्पताल जन्म अथवा मृत्यु प्रमाणपत्र के एवज में पैसे लेते हैं, लेकिन उन प्रमाणपत्रों को मान्यता ही नहीं है। मांगी गई सूचना के जवाब में निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई निजी स्वास्थ्य संस्थान जन्म अथवा मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करता है तो सरकार उसे मान्यता नहीं देगी।
निदेशालय की जानकारी के अनुसार, नगर निगम, नगर परिषद, पंचायतों के अलावा मेडिकल काॅलेज अस्पताल, सदर व अनुमंडलीय अस्पताल, रेफरल अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, ग्राम पंचायत व आंगनबाड़ी सेविका के पोषक क्षेत्र को यह अधिकार दिया गया है। नगर निगम क्षेत्र में यह प्रमाणपत्र निर्गत करने के लिए चिकित्सा पदाधिकारी को प्राधिकार बनाया गया है। नगर परिषद एवं पंचायतों में कार्यपालक पदाधिकारी प्राधिकार हैं।
इसी प्रकार मेडिकल कालेज अस्पताल, सदर व अनुमंडल अस्पतालों में उपाधीक्षक को प्राधिकार नियुक्त किया गया है। रेफरल अस्पताल व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकार प्राधिकार होंगे। जबकि ग्राम पंचायत में पंचायत सचिव और आंगनबाड़ी सेविका के पोषक क्षेत्र में आंगनबाड़ी सेविका का प्राधिकार बनाया गया है।
इन प्राधिकार द्वारा स्वीकृत जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र को राजिस्ट्रार या उप राजिस्ट्रार को अधिसूचित करने का अधिकार दिया गया है। रजिस्ट्रार नगर निगम से लेकर ग्राम पंचायत से जारी प्रमाण पत्र को अधिसूचित करेंगे। जबकि उप रजिस्ट्रार केवल आंगनबाड़ी सेविका द्वारा निर्गत प्रमाणपत्र को अधिसूचित करेंगे।

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