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    बिहटा-औरंगाबाद रेल प्रोजेक्ट में सिविल इंजीनियरिंग पर खर्च होंगे 3458 करोड़ रुपये, भूमि अधिग्रहण शुरू

    Updated: Thu, 27 Nov 2025 06:44 PM (IST)

    बिहटा-औरंगाबाद रेल परियोजना के सिविल इंजीनियरिंग कार्यों के लिए 3458 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। इस रेल लाइन से बिहटा और औरंगाबाद के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

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    बिहटा-औरंगाबाद रेल प्रोजेक्ट में सिविल इंजीनियरिंग पर खर्च होंगे 3458 करोड़ रुपये

    विद्या सागर, पटना। पूर्व मध्य रेल की बहुप्रतीक्षित बिहटा-औरंगाबाद रेल परियोजना अब तेजी से आगे बढ़ने लगी है। रेलवे बोर्ड ने इस परियोजना के पहले चरण (औरंगाबाद टर्मिनल से अनुग्रह नारायण रोड तक – 12.906 किमी) को 26 जून 2024 को ही मंजूरी दे दी थी।

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    इसी क्रम में बिहटा (छोड़कर) से अनुग्रह नारायण रोड (छोड़कर) तक 117.06 किमी के शेष हिस्से की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को भी 30 सितंबर 2025 को स्वीकृति मिल गई है।

    इस पूरी परियोजना पर 4047.01 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें सिविल इंजीनियरिंग पर 3458.46 करोड़ रुपये लगेंगे। वहीं संकेत एवं दूरसंचार पर 180.08 करोड़ व इलेक्ट्रिकल पर 408.47 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

    जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज

    प्रथम चरण के लिए पिंक बुक 2025-26 के आइटम संख्या 34 के तहत 42.70 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। भूमि अधिग्रहण का कार्य तेजी से चल रहा है।

    औरंगाबाद जिले में जम्होर, कर्मा, जगदीशपुर, परसा, सुसनार, खैरा बिंद, रामपुर, मोरौली, कठौती, भरथौली और जोकहरी मौजा में भूमि अधिग्रहण के लिए धारा 20(क) के अंतर्गत अधिसूचना 20 सितंबर 2025 को जारी की जा चुकी है, जिससे प्रक्रिया और गति पकड़ चुकी है।

    बिहटा से अनुग्रह नारायण रोड़ तक निर्माण के लिए दूसरे चरण में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी जल्द शुरू होने की संभावना है।

    सबसे पहले पूर्व मध्य रेल दूसरे चरण के इस प्रोजेक्ट को प्रायोरिट प्रोजेक्ट घोषित करेगा। इसके बाद भूमि अधिग्रहण के लिए राज्य सरकार को पत्र देगी। एक वर्ष में भूमि अधिग्रहण पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

    औरंगाबाद टर्मिनल से अनुग्रह नारायण रोड़ तक खर्च होंगे 440.59 करोड़

    परियोजना के दोनों हिस्सों में सिविल इंजीनियरिंग, सिग्नल, संचार और विद्युत कार्यों पर बड़ा खर्च प्रस्तावित है। पहले भाग औरंगाबाद टर्मिनल से अनुग्रह नारायण रोड तक 12.906 किलोमीटर में निर्माण होगा।

    इस चरण में सिविल इंजीनियरिंग पर 385.94 करोड़ रुपये, संकेत एवं दूरसंचार पर 26.01 करोड़ रुपये, इलेक्ट्रिकल (सामान्य) पर 8.50 करोड़ रुपये, इलेक्ट्रिकल (टीआरडी) पर 20.14 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

    बिहटा से अनुग्रह नारायण रोड तक 117.06 किमी निर्माण पर खर्च होंगे 3606.42 करोड़

    दूसरे भाग बिहटा से अनुग्रहण नायाण रोड तक 117.06 किलोमीटर में रेल लाइन बिछाया जाएगा। 117.06 किलोमीटर के इस प्रोजेक्ट पर सिविल इंजीनियरिंग में 3072.52 करोड़ रुपये, संकेत एवं दूरसंचार पर 154.07 करोड़ रुपये, इलेक्ट्रिकल पर 379.83 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

    परियोजना के पूरा होने पर पटना-औरंगाबाद क्षेत्र के बीच रेल संपर्क सुगम होगा। माल परिवहन, औद्योगिक गतिविधियों और यात्री सुविधाओं में सुधार की उम्मीद है।

    स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और क्षेत्रीय विकास को नई गति मिलेगी। यह परियोजना पूर्व मध्य रेल के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है, जो आने वाले वर्षों में दक्षिण बिहार के आर्थिक और सामाजिक विकास का नया मार्ग प्रशस्त करेगी।