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    नालंदा में भाजपा विधायक ने स्‍मार्ट सिटी प्रोजेक्‍ट पर उठाए सवाल, बोले- तालाब को सजाना जरूरी या सड़कें बनाना?

    By Shubh Narayan PathakEdited By:
    Updated: Sun, 13 Mar 2022 05:07 PM (IST)

    Nalanda News महज तीन तालाबों के जीर्णोद्धार पर 72 करोड़ की खर्च होगी राशि भाजपा के विधायक सुनील कुमार ने कहा शहर की सड़कें तथा गलियां दुरुस्त नहीं तालाबों को बनाया जा रहा स्मार्ट एक तालाब पर 25 करोड़ रुपए खर्च करने पर उठाए सवाल

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    भाजपा के बिहारशरीफ विधायक सुनील कुमार एक योजना का उद्घाटन करते। फाइल फोटो

    बिहारशरीफ, जागरण संवाददाता। बिहारशरीफ में स्मार्ट सिटी के विकास की रेखा खींची जाने के पहले ही इसके कार्य विवादों के घेरे में आने लगे हैं। वार्डों में बनाया जाने वाला जन सुविधा केंद्र का मामला उच्च न्यायालय में लंबित है। वहीं फ्लाईओवर का काम भी दुकानदारों के विरोध के कारण बंद पड़ा है। कुछ दिनों पहले स्थानीय भाजपा विधायक डा. सुनील कुमार ने भी  स्मार्ट सिटी की कार्य प्रणाली तथा खर्च पर सवाल खड़े किए थे। मामले को विधान सभा सत्र में भी उठाया था। विधायक के इस आरोप के बाद नगर आयुक्त से लेकर स्मार्ट सिटी के अधिकारी तक के हाथ पांव फूल रहे हैं। अब महज तीन तालाबों के जीर्णाेद्धार पर 72 करोड़ की राशि खर्च करने की स्वीकृति पर विधायक ने सवाल उठाए हैं।

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    शहर के दो तालाबों का हो चुका है जीर्णोद्धार

    शहर के दो तालाब सुभाष पार्क तथा टिकुली पर का तालाब का अब तक जीर्णोद्धार हो चुका है। जिसपर 4.58 करोड़ की राशि खर्च की गई है। वहीं तीन अन्य तालाब महलपर तालाब, सिंगार हाट तालाब तथा हौज बब्बर तालाब पर 72.70 करोड़ की राशि खर्च की जानी है।  इन तालाबों के जीर्णोद्धार का वर्क आर्डर निकल चुका है, लेकिन निविदा अभी नहीं हुई है। खर्च का यदि आंकड़ा निकाला जाए तो एक तालाब पर करीब 25 करोड़ की राशि खर्च की जानी है।  एक तालाब पर इतनी बड़ी राशि खर्च किए जाने की बात लोगों के हलक से नीचे ही नहीं उतर रही।

    स्थानीय विधायक ने पूछे सवाल

    स्थानीय विधायक डा. सुनील कुमार ने स्मार्ट सिटी के तहत होने वाले कार्यों तथा उसपर पानी की तरह पैसे बहाए जाने पर आपत्ति जाहिर की है। उन्होंने स्मार्ट सिटी के अधिकारियों से कई प्रश्न भी पूछे हैं :

    1. क्या तालाबों के जीर्णोद्धार मात्र से शहर स्मार्ट हो जाएगा ?
    2. एक तालाब के जीर्णोद्धार पर करीब 25 करोड़ की राशि खर्च किया जाना कितना उचित है?
    3. क्या शहर की सड़कें तथा गलियों को दुरुस्त किया जाना जरुरी नहीं ?
    4. श्रमकल्याण केन्द्र के मैंदान में 47 लाख की राशि खर्च कर क्या परिवर्तन किए गएं ?

    तालाबों को बचाना बेहद जरूरी

    दूसरी तरफ नालंदा के नगर आयुक्‍त तरणजोत सिंह ने कहा कि स्मार्ट सिटी के तहत हो रहे कार्यों पर सवाल खड़े किए जाना समझ से परे है। शहर में जिस तरह से भूजल स्तर का क्षरण हो रहा है, वैसी स्थिति में तालाबों को बचाना बेहद जरूरी है। शहर में सुभाष पार्क तथा टिकुली पर पार्क का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। यदि इन तालाबों पर किए गए खर्च पर किसी को कोई आपति है तो आवेदन दिया जाए उसकी त्वरित जांच कराई जाएगी। शहर के तीन तालाबों का अभी वर्क आर्डर मिला है। निविदा तथा काम की शुरुआत अभी बाकी है। ऐसे में राशि बंदरबाट का प्रश्न कहां उठता है।

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