विरासत से विज्ञान तक: बिहार में आकार लेती नई पहचान, जो दुनिया को आकर्षित कर रही है
बिहार अब आधुनिक सोच, विज्ञान, खेल और शिक्षा के केंद्र के रूप में नई पहचान बना रहा है। राज्य सरकार की परियोजनाएं विकास और विरासत को साथ लेकर आगे बढ़ने ...और पढ़ें

बिहार में आकार लेती नई पहचान
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार अब केवल अपनी ऐतिहासिक विरासत के लिए ही नहीं, बल्कि आधुनिक सोच, विज्ञान, खेल और शिक्षा के केंद्र के रूप में भी नई पहचान गढ़ रहा है। राज्य सरकार की ओर से एक के बाद एक शुरू की गई बड़ी परियोजनाएं यह संकेत देती हैं कि बिहार विकास और विरासत को साथ लेकर आगे बढ़ने की दिशा में मजबूती से कदम बढ़ा रहा है। पर्यटन, विज्ञान, खेल, शिक्षा और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में हो रहे ये निवेश न केवल राज्य की छवि को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत कर रहे हैं, बल्कि रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को भी नई रफ्तार दे रहे हैं।
वैशाली बना वैश्विक बौद्ध पर्यटन का केंद्र
वैशाली में निर्मित बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय एवं स्मृति स्तूप आज विश्व बौद्ध मानचित्र पर बिहार की मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहा है।
भवन निर्माण विभाग द्वारा विकसित यह भव्य परिसर भगवान बुद्ध के पवित्र स्मृति अवशेषों के संरक्षण और दर्शन के उद्देश्य से तैयार किया गया है।
कला एवं संस्कृति विभाग के अनुसार अब तक 3 लाख 57 हजार से अधिक श्रद्धालु और पर्यटक यहां दर्शन कर चुके हैं। म्यांमार, वियतनाम, थाईलैंड, कोरिया, नेपाल सहित कई देशों से आने वाले पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
लगभग 72 एकड़ में फैला यह परिसर 42,373 बलुआ पत्थरों से निर्मित है, जो इसकी स्थापत्य भव्यता को और खास बनाता है।

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम साइंस सिटी: विज्ञान की नई प्रयोगशाला
पटना में मोईन-उल-हक स्टेडियम के समीप 20.5 एकड़ क्षेत्र में विकसित डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम साइंस सिटी बिहार में विज्ञान शिक्षा का नया केंद्र बनकर उभरी है।
यहां स्थापित पांच अत्याधुनिक गैलरियों में कुल 269 विज्ञान प्रदर्श हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, अंतरिक्ष विज्ञान, मानव शरीर और सतत विकास जैसे विषयों को इंटरएक्टिव और रोचक तरीके से प्रस्तुत किया गया है।
500 सीटों वाला ऑडिटोरियम, 4डी थिएटर, डोरमेटरी और आधुनिक सुविधाएं इसे छात्रों, शोधार्थियों और आम दर्शकों के लिए आकर्षक बनाती हैं।

राजगीर क्रिकेट स्टेडियम: खेल को मिला नया मंच
खेल के क्षेत्र में भी बिहार तेजी से आगे बढ़ रहा है। राजगीर की प्राकृतिक सुंदरता के बीच बने अत्याधुनिक क्रिकेट स्टेडियम का ग्राउंड और पवेलियन अब पूरी तरह तैयार है।
40 हजार दर्शकों की क्षमता वाले इस स्टेडियम में 13 अंतरराष्ट्रीय मानकों की पिच बनाई गई हैं। इसके निर्माण से राज्य में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट मुकाबलों के आयोजन का रास्ता खुल गया है, जिससे खेल प्रतिभाओं को स्थानीय स्तर पर मंच मिल सकेगा।

शिक्षा और अनुसंधान को मिली नई मजबूती
पटना स्थित बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में अधोसंरचना विस्तार के तहत 13 नए भवनों का उद्घाटन किया गया है। इनमें आधुनिक प्रयोगशालाएं, छात्रावास, आवासीय भवन और शोध सुविधाएं शामिल हैं। इससे पशुपालन, डेयरी और संबंधित क्षेत्रों में शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।

आपदा प्रबंधन और सांस्कृतिक विरासत पर फोकस
आपदा प्रबंधन को मजबूत करने के लिए बिहटा में एसडीआरएफ मुख्यालय का निर्माण किया गया है, जिससे बाढ़, भूकंप और अन्य आपदाओं से निपटने की राज्य की क्षमता और प्रभावी होगी।
वहीं, दो वर्षों के अंतराल के बाद नए स्वरूप में खुलने जा रहा पटना म्यूजियम भी बिहार की सांस्कृतिक पहचान को आधुनिक तकनीक से जोड़ रहा है।
गंगा गैलरी, पाटली गैलरी, स्कल्पचर गार्डन और एआई आधारित प्रदर्श राज्य की समृद्ध विरासत को नई पीढ़ी के सामने आकर्षक ढंग से प्रस्तुत करेंगे।
इन सभी परियोजनाओं के माध्यम calmly बिहार विकास, विरासत और भविष्य का ऐसा संतुलित मॉडल पेश कर रहा है, जो राज्य को राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि वैश्विक मानचित्र पर भी नई ऊंचाई दिलाने की क्षमता रखता है।

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