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    देश का पहला राज्य बनेगा बिहार, पैरा-एथलीटों के लिए आवासीय खेल विद्यालय की होगी स्थापना

    Updated: Thu, 12 Jun 2025 11:41 AM (IST)

    पेरिस 2024 पैरालिंपिक में भारतीय पैरा-एथलीटों ने रिकार्ड तोड़ प्रदर्शन करते हुए 29 (7 स्वर्ण 9 रजत और 13 कांस्य) पदक हासिल किए जो भारत का अब तक का सबसे बड़ी पैरालिंपिक उपलब्धि है। आवासीय खेल विद्यालय एक समर्पित संस्थान के रूप में काम करेगा जहां पैरा एथलीटों के भोजन आवासन के साथ उच्चस्तरीय प्रशिक्षण की भी समुचित व्यवस्था रहेगी।

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    बिहार में पैरा-एथलीटों के लिए आवासीय खेल विद्यालय की स्थापना होगी। सांकेतिक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, पटना। पैरा खिलाड़ियों के लिए शीघ्र ही बिहार में आवासीय खेल विद्यालय की स्थापना होगी। ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बिहार बनेगा। इस बात की जानकारी देते हुए बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवीन्द्रण शंकरण ने बताया कि बिहार के पैरा एथलीटों को सुलभ वातावरण में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण, आवास, शिक्षा और पुनर्वास सुविधाएं प्रदान कर सशक्त और सक्षम बनाने की दिशा में सरकार द्वारा उठाया जाने वाला यह एक ऐतिहासिक कदम है।

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    पैरा एथलीटों की आवश्यकताओं के अनुरूप सभी सुविधाओं से युक्त यह आवासीय खेल विद्यालय एक समर्पित संस्थान के रूप में काम करेगा जहां पैरा एथलीटों के भोजन, आवासन के साथ उच्चस्तरीय प्रशिक्षण की भी समुचित व्यवस्था रहेगी। 

    पैरा-स्पोर्ट्स प्रदर्शन में ऐतिहासिक वृद्धि

    बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवीन्द्रन शंकरण ने बताया कि हाल के दिनों में भारत ने पैरा-स्पोर्ट्स प्रदर्शन में ऐतिहासिक वृद्धि देखी है। पेरिस 2024 पैरालिंपिक में, भारतीय पैरा-एथलीटों ने रिकार्ड तोड़ प्रदर्शन करते हुए 29 (7 स्वर्ण, 9 रजत और 13 कांस्य) पदक हासिल किए, जो भारत का अब तक का सबसे बड़ी पैरालिंपिक उपलब्धि है।

    अवनी लेखरा, नवदीप सिंह, हरविंदर सिंह और नितेश कुमार जैसे एथलीटों ने पैरा-स्पोर्ट्स में देश को वैश्विक पहचान दिलाई है। बिहार के पैरा-एथलीटों ने भी सीमित बुनियादी ढांचों और संसाधनों के बावजूद सराहनीय क्षमता दिखाई है। प्रमोद भगत (पैरा बैडमिंटन) ,शैलेश कुमार और शरद कुमार (पैरा एथलेटिक्स) जैसे नामों ने लगातार राष्ट्रीय स्तर पर बिहार का प्रतिनिधित्व किया है और राज्य को गौरवान्वित किया है।

    पैरा एथलीटों के लिए बिहार में देश का पहला आवासीय खेल विद्यालय बनने से बिहार के पैरा-एथलीटों के लिए एशियाई पैरा खेलों, विश्व चैंपियनशिप और भविष्य के पैरालिंपिक में प्रतिस्पर्धा करने का मार्ग प्रशस्त होगा। इसके साथ ही बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों से भी प्रतिभाओं की पहचान करने और उन्हें विकसित करने के लिए एक मंच तैयार होगा।