Bihar Police: पुलिस पर हमला करने वालों पर होगी सख्ती, लिस्ट तैयार कर गिरफ्तारी; 15 दिन में चार्जशीट भी पेश होगी
बिहार में पुलिस पर हमले के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब इस पर सख्ती बरतने की तैयारी शुरू कर दी गई है। पुलिस पर हमला करने वालों की पहचान करके जिलावार सूची बनाई जाएगी। इसके साथ ही डीजीपी विनय कुमार ने सभी जिलों के एसपी को भी इन मामलों में 15 दिन में चार्जशीट पेश करने के निर्देश दिए हैं।

राज्य ब्यूरो, पटना। कुछ समय से पुलिस पर हमला करने के मामले तेजी से बढ़े हैं। आरोपितों की गिरफ्तारी हो या फिर असामाजिक तत्वों का हंगामा, कार्रवाई करने के लिए पहुंचे पुलिसकर्मी कई बार इस भीड़ का शिकार बन जाते हैं। ऐसे मामलों को रोकने के लिए अब प्रशासन सख्ती बरतने की तैयारी में है। पुलिस पर हमला करने वालों की सूची बनाकर 15 दिन में चार्जशीट दाखिल की जाएगी।
सभी जिलों के SP को दिए गए निर्देश
- पुलिस पर हमला करने वाले असामाजिक तत्वों से अब सख्ती से निबटा जाएगा। पुलिस पर हमले में शामिल लोगों की जिलास्तर पर सूची बनाकर गिरफ्तारी सुनिश्चित कराई जाएगी। डीजीपी विनय कुमार ने इस बाबत सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया है।
- डीजीपी ने बताया कि एक दिन पूर्व गोपालगंज में पुलिस पर हमला करने के मामले में अभी तक 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एसपी को इन सभी के विरुद्ध 15 दिनों में चार्जशीट पेश करने का निर्देश दिया गया है।
- इसके अलावा सभी जिलों को छापेमारी या अन्य कार्रवाई के समय पर्याप्त दल-बल के साथ जाने का निर्देश दिया गया है।
बाइक चोरी और चेन स्नेचिंग के बढ़ते मामलों के सवाल पर डीजीपी ने बताया कि बाइक चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए हर जिले में बाइक चोरी कोषांग का गठन किया जाएगा।
इसके लिए पुलिस मुख्यालय के स्तर से विस्तृत एसओपी सभी जिलों को जारी की गई है। चेन छिनतई की घटनाओं को रोकने के लिए भी गश्ती बढ़ाने का निर्देश दिया गया है।
लापता बच्चों के मामले की गंभीरता से जांच
लापता बच्चों के मामले में गंभीरता से जांच कराने का आश्वासन डीजीपी ने दिया। कहा कि इंस्पेक्टर रैंक के अफसर ऐसे मामलों का अनुसंधान करेंगे, जिससे जल्द से जल्द लापता बच्चों को खोजकर उनके परिजनों के पास पहुंचाया जा सके।
विसरा सैंपलों की अभियान चलाकर होगी जांच
पोस्टमार्टम के समय लिए जाने वाले विसरा के राज्यभर में करीब 60 हजार सैंपल जांच के लिए लंबित हैं, इसमें सिर्फ दो हजार सैंपल पटना में हैं। पत्रकारों के इस सवाल पर डीजीपी ने बताया कि जब वह सीआइडी में थे तो 2016-17 में विशेष अभियान चलाकर सभी लंबित विसरा जांच पूरी कराई गई थी।
इस बार भी जिलावार संख्या लेकर इसका निष्पादन कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि एफएसएल या वैज्ञानिकों के स्तर पर संसाधनों की कोई कमी नहीं है। प्राथमिकता के स्तर पर विसरा जांच कराई जाएगी।
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