Bihar Weather: पटना में सर्दी ने तोड़ा रिकॉर्ड, अचानक तीन घंटे में 5 डिग्री गिरा तापमान, सबौर रहा सर्वाधिक ठंड जगह
Bihar Weather Forecast बिहार में ठंड ने लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है। पुरवा के प्रवाह से प्रदेश का मौसम आजकल काफी शुष्क हो गया है। इस तरह की स्थिति अगले पांच दिनों तक बने रहने के आसार हैं। पांच दिनों बाद मौसम विज्ञानी प्रदेश के वातावरण में बदलाव आने की उम्मीद कर रहे हैं। सबौर सबसे ठंड रहा।

जागरण संवाददाता, पटना। राज्य में पुरवा के प्रवाह से प्रदेश का मौसम आजकल काफी शुष्क हो गया है। इस तरह की स्थिति अगले पांच दिनों तक बनी रहने की उम्मीद है। पांच दिनों बाद मौसम विज्ञानी प्रदेश के वातावरण में बदलाव आने की उम्मीद कर रहे हैं।
शनिवार को सबौर, राज्य का सर्वाधिक ठंडा स्थान रहा, वहां पर न्यूनतम तापमान 8.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। वहीं, अररिया राज्य का सर्वाधिक गर्म स्थान रहा। अररिया में अधिकतम तापमान 28.4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
मौसम विज्ञानी राकेश कुमार का कहना है कि वर्तमान में प्रदेश में पूर्वा हवा का प्रवाह हो रहा है। पूर्वा के कारण ही राज्य का वातावरण शुष्क हो गया है। ऐसे में सुबह में राज्य में कई शहरों में कुहासा छा सकता है। मौसम विज्ञानियों ने रात में वाहन चालकों को भी सावधान किया है कि संभलकर गाड़ी चलाएं। कुहासा से गाड़ी चलाने में परेशानी हो सकती है।
तीन घंटे में पांच डिग्री की गिरावट
राजधानी में दिन में अच्छी धूप निकली ,लेकिन सूर्यास्त के बाद तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज की। शाम पांच बजे के बाद से ही तापमान गिरना शुरू हो गया। रात्रि आठ बजे तक ठंड इतना ज्यादा बढ़ गया खुले में रहने में लोग परेशानी होने लगे।
शाम पांच बजे के बाद ही लोग घरों के दरवाजे एवं खिड़की बंद करना शुरू कर दिए थे। रात्रि नौ बजे तो शहर के बाजारों में भी सन्नाटा पसर गया। मानव जीवन के साथ-साथ ठंड का प्रभाव पशु-पक्षियों पर भी देखा जा रहा है। रात में लावारिस पशु काफी बेहाल देखे गए।
देर रात तक खुले में रहना नुकसानदायक
चिकित्सकों का कहना है कि रात में अधिक देर तक खुले में रहना स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। पीएमसीएच के शिशु रोग विशेषज्ञ डा.राकेश कुमार शर्मा का कहना है कि पार्टियों में अधिकांश लोग खुले वातावरण में काफी देर तक रहते हैं।
यह उनके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। रात्रि में खुले के बजाय किसी छत के नीचे बैठना ज्यादा सही होगा। खासकर छोटे बच्चों को तो अधिक देर तक खुले वातावरण में न रखें नहीं तो वे ठंड, कफ एवं अन्य बीमारियों के शिकार हो सकते हैं।

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