Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar Weather: बिहार में बदलते मौसम का सिलसिला बरकरार, छठ में बढ़ा प्रदूषण; लोग हो रहे बीमार

    Updated: Sun, 10 Nov 2024 07:54 AM (IST)

    बिहार में मौसम में बदलाव लगातार जारी है। दिन के समय धूप निकलने से लोगों को गर्मी महसूस होती है वहीं सुबह और शाम के समय हल्की ठंड रहती है। मौसम विभाग की माने तो अगले कुछ दिनों तक मौसम ऐसा ही बने रहने के आसार है। इस महीने के अंत तक ठंड बढ़ सकती है । वहीं मौसम में बदलाव की वजह से बीमारियां भी बढ़ रही हैं।

    Hero Image
    छठ केबाद तेजी से बढ रहा प्रदूषण

    जागरण टीम, पटना। नवंबर महीने के 9 दिन बीत चुके हैं, महीने की 10 तारीख तक तापमान अभी सामान्य बना हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले कुछ दिनों तक पटना सहित प्रदेश का मौसम सामान्य बना रहेगा। विशेष ठंड का प्रभाव माह के अंत तक होने लगेगा। पटना सहित अधिसंख्य भागों का मौसम शुष्क होने के साथ कुछ स्थानों पर धुंध व कोहरे का प्रभाव बना रहेगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिन में धूप निकलने के साथ आसमान साफ होने से मौसम सामान्य रहेगा। वहीं तापमान में उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहेगी। दिन की तुलना में रात में हल्की ठंड होगी, लेकिन तापमान में विशेष गिरावट की संभावना नहीं है।

    डेहरी में गिरा पारा

    शनिवार को पटना सहित 24 जिलों के अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। पटना का अधिकतम तापमान 0.6 डिग्री सेल्सियस के गिरावट के साथ 30.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि पटना का न्यूनतम तापमान 22.6 डिग्री सेल्सियस रहा। मोतिहारी में 33.5 डिग्री सेल्सियस के साथ सर्वाधिक तापमान दर्ज किया गया। वहीं 17.5 डिग्री सेल्सियस के साथ डेहरी में प्रदेश का सर्वाधिक न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया।

    मौसम विज्ञानी एसके पटेल के अनुसार प्रदेश में पश्विमी विक्षोभ की सक्रियता नहीं होने के कारण विशेष रूप से ठंड का प्रभाव नहीं पड़ रहा है। ऐसे में मानसून की तरह ठंड की शुरूआत में थोड़ी देर हो सकती है

    प्रमुख शहरों का तापमान

    1. पटना- अधिकतम तापमान 30.7 डिग्री सेल्सियस, न्यूनतन तापमान 22.6 डिग्री सेल्सियस

    2. गया- अधिकतम तापमान 31.1 डिग्री सेल्सियस, न्यूनतन तापमान19.9 डिग्री सेल्सियस

    3. भागलपुर- अधिकतम तापमान 30 .8 डिग्री सेल्सियस, न्यूनतन तापमान 21.9 डिग्री सेल्सियस

    4. मुजफ्फरपुर- अधिकतम तापमान 29.4 डिग्री सेल्सियस, न्यूनतन तापमान 22.5 डिग्री सेल्सियस

    मौसम में बदलाव से बढ़े मरीज

    मौसम में हो रहे बदलाव के कारण बीमारियों का कहर सिर चढ़कर बोलने लगा है। हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि कुछ इलाकों में शायद ही कोई ऐसा घर बचा हो, जिसके यहां सर्दी, बुखार, खांसी और सिरदर्द की समस्या से ग्रसित मरीज नहीं हों।

    ग्रामीणों का कहना है कि दिन में गर्मी और रात में ठंड के चलते मौसम जनित बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। ऐसे में चिकित्सक सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से प्राप्त आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले सप्ताह की अपेक्षा सर्दी, खांसी, बुखार और सरदर्द के मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है।

    चिकित्सकों का कहना है कि ओपीडी में प्रतिदिन लगभग 150 मरीजों की जांच होती है, जिसमें अधिकांश संख्या वायरल वालों की है। वहीं समुचित इलाज होने के बाद इन मरीजों के ठीक होने में लगभग चार-पांच दिन लग रहे हैं।

    इस मामले में जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. संतोष कुमार से संपर्क स्थापित किया गया तो उन्होंने कहा कि वायरल फीवर का मौसम चल रहा है। ऐसे में लोगों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। प्रदूषित पानी और बासी खाना खाने से परहेज करना होगा। बावजूद इसके यदि लोग पूरी तरह सावधानी नही बरतेंगे तो इसके और अधिक भयावह स्वरूप देखने को मिलेंगे।

    प्रदूषण में भी इजाफा

    राजधानी में छठ पर छूटे पटाखों से बढ़ा वायु प्रदूषण भी लोगों को बीमार कर रहा है। शुक्रवार और शनिवार की सुबह कोहरे के साथ 250 से अधिक AQI दर्ज किया गया। वायु के सूक्ष्म कण पीएम 2.5 से फेफड़े व उससे जुड़े हृदय समेत मधुमेह, मनोविकार, चर्म व नेत्र रोगों का खतराबढ़ जाता है।

    प्रदूषण की वजह से लंबी खांसी अभी से लोगों को परेशान करने लगी है। फेफड़े के कैंसर से लेकर गर्भस्थ शिशु तक के स्वास्थ्य पर खराब प्रभाव पड़ता

    हर चार में से एक मृत्यु का कारण है वायु प्रदूषण

    प्रदूषण से होने वाली मौत के आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2019 में वायु प्रदूषण के कारण दुनिया में 6.7 मिलियन मौतें हुईं। इसमें 44 प्रतिशत मिस्त्र, 42 प्रतिशत फिलिपींस के बाद 20 प्रतिशत के साथ भारत मौतों के मामले में तीसरे नंबर पर।

    34 लाख बुजुर्ग हुए शिकार

    प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर बुजुर्गों पर देखने को मिला। 34 लाख बुजुर्गों की मौत प्रदूषण की वजह से हुई। वहीं 7 लाख की उम्र 15 वर्ष से थी कम थी। 4 लाख 75 हजार नवजात थे, जिनकी मृत्यु जन्म के पहले माह में हुई।

    (ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज की रिपोर्ट के अनुसार)

    ये भी पढ़ें

    Barauni Junction: बरौनी जंक्शन पर इंजन और बफर के बीच दबकर रेलकर्मी की मौत, स्वजन ने किया हंगामा

    बिहार पुलिस पर हमला, दारोगा ने सेल्फ डिफेंस में की फायरिंग; SP बोले- हथियार सिर्फ दिखाने के लिए नहीं