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    Bihar: 35 और 65 का ख्‍याल रखें, पदभार संभालते ही क‍िस आंकड़े की बात करने लगे जल संसाधन मंत्री?

    By Vikash Chandra PandeyEdited By: Vyas Chandra
    Updated: Sun, 23 Nov 2025 03:29 PM (IST)

    Bihar Politics: बिहार के जल संसाधन मंत्री ने पदभार ग्रहण करते ही 35 और 65 के आंकड़ों पर ध्यान देने की बात कही। उन्होंने इन संख्याओं के महत्व को समझाया और अधिकारियों को इनके आधार पर योजनाएं बनाने का निर्देश दिया। मंत्री ने जल प्रबंधन को बेहतर बनाने पर जोर दिया और सिंचाई व बाढ़ नियंत्रण को प्राथमिकता बताया।

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    जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी का स्‍वागत करते प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्‍ल। जागरण

    राज्‍य ब्‍यूरो, पटना। Nitish Cabinet: बिहार के जल संसाधन विभाग के मंत्री के रूप में विजय कुमार चौधरी ने रविवार को पदभार ग्रहण किया।

    विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल तथा वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका पारंपरिक रूप से स्वागत किया। पदभार ग्रहण करने के उपरांत मंत्री ने प्रधान सचिव एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।

    निर्देश दिया कि विभाग की विशेष प्राथमिकता मौजूदा व्यवस्था को मजबूत करना तथा पहले से कार्यान्वित योजनाओं को पूरी तरह प्रभावी बनाने की होनी चाहिए।

    नहर के अंतिम छोर तक पहुंचे पानी

    उन्होंने कहा कि विभाग की कार्यशैली में 35:65 का अनुपात सुनिश्चित किया जाए। यानी 35 प्रतिशत ध्यान नई पहल और नवाचार को दें।

    65 प्रतिशत ऊर्जा मूल दायित्वों को पूरा करने एवं मौजूदा योजनाओं को पूरी तरह दुरुस्त करने में लगाएं। रबी फसल का मौसम नजदीक है, यह सुनिश्चित कराएं कि सिंचाई क्षमता में विस्तार हो और नहर के अंतिम छोर तक पानी पहुंचे।

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    मंत्री ने कहा कि पहले से निर्मित तटबंधों को मजबूत करना और उनका दायरा बढ़ाकर क्षेत्र को सुरक्षित करना प्राथमिकताओं में रहे।

    युवा अभियंताओं को टीम में करें शामिल 

    बातचीत के दौरान प्रधान सचिव ने विभाग में विशिष्ट कार्यों के लिए गठित टीमों के बारे में बताया। मंत्री ने निर्देश दिया कि इन टीमों में अधिक से अधिक भागीदारी युवा अभियंताओं की हो।

    ताक‍ि उनकी ग्रूमिंग हो सके और विभाग में नई कार्य-संस्कृति व ऊर्जा का संचार हो सके। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय अभियंता तटबंधों एवं नहरों का स्वयं सतत निरीक्षण करें।

    अंत में चौधरी ने कहा, हमारा लक्ष्य कार्यों को कल नहीं, आज और अभी के आधार पर निष्पादित करने का होना चाहिए। विभाग की असली पहचान मजबूत सिंचाई व्यवस्था और प्रभावी बाढ़ प्रबंधन से बनेगी। 

    इस अवसर पर अभियंता प्रमुख (मुख्यालय) ब्रजेश मोहन, अभियंता प्रमुख (सिंचाई सृजन) अवधेश कुमार, अभियंता प्रमुख (बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण) वरुण कुमार, संयुक्त सचिव अजय कुमार एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।