Bihar News: मिथिलावासियों को नहीं होगी पीने के पानी की किल्लत! सरकार बड़े पैमाने पर कर रही ये काम
सीतामढ़ी मधुबनी दरभंगा और झंझारपुर में भू-जल स्तर गिरने से पेयजल संकट गहरा गया है। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग 528 नए चापाकल लगाएगा और तकनीकी टीमें तैनात की गई हैं। 289 बंद पेयजल योजनाएं चालू की गईं और चापाकलों की गहराई बढ़ाई गई। मंत्री नीरज कुमार सिंह ने वैकल्पिक व्यवस्था के निर्देश दिए। विभिन्न जिलों में मरम्मत और नए टैंकरों से जलापूर्ति सुधारी जा रही है।

राज्य ब्यूरो, पटना। सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा और झंझारपुर में भू-जल स्तर में गिरावट के कारण पेयजल की समस्या बढ़ गई है। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा इन जिलों में 528 नए चापाकल लगाए जाएंगे। इसके साथ ही मुख्यालय से विशेष तकनीकी टीमों को तैनात किया गया है, जो फील्ड में कैंप कर स्थानीय स्तर पर जलापूर्ति की निगरानी कर रही हैं।
गुरुवार से शुक्रवार के बीच बंद पड़ी 289 पेयजल योजनाओं की मरम्मत कर उन्हें चालू किया गया। 110 से अधिक चापाकल का संरचनात्मक परिवर्तन कर उनकी गहराई बढ़ाई गई। विभागीय मंत्री नीरज कुमार सिंह ने बताया कि जलस्तर 20 फीट से नीचे जाते ही वैकल्पिक व्यवस्था शुरू करने का निर्देश दिया गया है।
सीतामढ़ी में 58 जलापूर्ति योजनाओं की मरम्मत की गई। 76 चापाकल की मरम्मत की गई। 85 चापाकल की गहराई बढ़ाई गई। चार अतिरिक्त पानी टैंकर की व्यवस्था की गई।
इससे 80 पंचायतों को लाभ मिलेगा। झंझारपुर में 12 योजनाएं शुरू की गईं। सात चापाकल की गहराई बढ़ाई गई। 18 पंचायतों को लाभ मिलेगा। दरभंगा में 209 जलापूर्ति योजनाओं को पुनः शुरू किया गया। 10 हैंडपंपों की गहराई बढ़ाने के लिए संरचनात्मक परिवर्तन किया गया।
200 नए हैंडपंप लगाने की स्वीकृति दी गई है। छह पानी के टैंकर लगाए गए हैं। इससे 37 पंचायतों को लाभ मिलेगा। मधुबनी में आठ परिवर्तन कार्य किए गए हैं, 90 नए हैंडपंपों की स्वीकृति और दो पानी के टैंकरों की व्यवस्था की गई है। इससे 44 पंचायतों को लाभ मिलेगा।
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