चुनाव आयोग ने दूर की सबसे बड़ी चिंता, Bihar Voter List में नाम जुड़वाने के लिए मिलेंगे 30 दिन
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वोटर लिस्ट का विशेष पुनरीक्षण किया जा रहा है। चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर ने निर्देश जारी किए हैं कि 1 अगस्त से 1 सितंबर तक बीएलओ/बीएलए द्वारा छूटे हुए पात्र मतदाताओं का नाम वोटर लिस्ट में जुड़वाया जा सकता है और गलती से शामिल किए गए नाम हटवाए जा सकते हैं। संशोधित ड्राफ्ट लिस्ट का प्रकाशन 1 अगस्त को होगा।

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण किया जा रहा है। वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन की लास्ट डेट 25 जुलाई है। वहीं, 1 अगस्त को संशोधित ड्राफ्ट लिस्ट का प्रकाशन होगा। इससे पहले, बिहार के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर ने अहम दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
इसमें कहा गया है कि निर्वाचक या मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल 1 अगस्त से लेकर 1 सितंबर तक उस पात्र मतदाता का नाम वोटर लिस्ट में जुड़वा सकते हैं, जो बीएलओ/बीएलए से छूट गया हो। इसी के साथ, यदि कोई गलती से शामिल कर दिया गया हो तो उसका नाम भी हटवा पाएंगे।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, 38 जिला निर्वाचन पदाधिकारी तथा सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारियों ने यह बताया है कि SIR आदेश के पृष्ठ 3, अनुच्छेद 7(5) के अनुसार, किसी भी निर्वाचक या किसी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल को 1 अगस्त से 1 सितंबर तक पूरे एक माह का समय मिलेगा, ताकि वे - यदि कोई पात्र मतदाता बीएलओ/बीएलए द्वारा छूट गया हो तो उसका नाम जुड़वा सकें, या यदि कोई गलती से शामिल कर दिया गया हो तो उसका नाम हटवा सकें।
इसी के साथ, भारत निर्वाचन आयोग ने जानकारी दी कि बिहार SIR का उद्देश्य है कि कोई भी पात्र मतदाता छूटना नहीं चाहिए। 99% मतदाताओं को पहले ही कवर किया जा चुका है। बीएलओ/बीएलए ने 21.6 लाख मृत मतदाताओं के नामों की सूचना दी है। बीएलओ/बीएलए ने 31.5 लाख मतदाताओं के नामों की सूचना दी है जो स्थायी रूप से पलायन कर गए हैं।
बीएलओ/बीएलए ने पाया है कि 7 लाख मतदाता एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत हैं। स्थानीय बीएलओ/बीएलए के अनुसार, 1 लाख तदाताओं का पता नहीं चल सका। स्थानीय बीएलओ/बीएलए द्वारा डोर-टू-डोर दौरे के बावजूद, 7 लाख से कम मतदाताओं के फॉर्म अभी भी प्राप्त नहीं हुए हैं।
7.21 करोड़ मतदाताओं (91.32%) के फॉर्म प्राप्त और डिजिटल किए गए हैं। इन सभी मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल किए जाएंगे। दावों और आपत्तियों की अवधि के दौरान उनके सत्यापन की सुविधा के लिए शेष फॉर्म को बीएलओ/बीएलए रिपोर्ट के साथ भी डिजिटल किया जा रहा है।
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