बिहार के विराट रामायण मंदिर में होगा 33 फीट व 210 मीट्रिक टन का शिवलिंग, दीवारों पर उकेरे जाएंगे रामायण से जुड़े प्रसंग
महावीर मंदिर न्यास पटना की ओर से बनाए जा रहे पूर्वी चंपारण के चकिया-केसरिया मार्ग पर विराट रामायण मंदिर में 33 फीट व 210 मिट्रिक टन का शिवलिंग भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा।

निर्माणाधीन, विराट रामायण मंदिर की प्रतिकृति। सौ. महावीर मंदिर
जागरण संवाददाता, पटना। पूर्वी चंपारण के चकिया-केसरिया मार्ग पर विराट रामायण मंदिर का निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है। महावीर मंदिर न्यास पटना की ओर से बनने वाले मंदिर में 33 फीट व 210 मिट्रिक टन का शिवलिंग भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा। शिवलिंग का निर्माण तमिलनाडु के महाबलीपुरम में हो रहा है। शिवलिंग निर्माण का कार्य लगभग पूरा हो गया है।
दो माह बाद शिवलिंग को विराट रामायण मंदिर में स्थापित किया जाएगा। विराट रामायण मंदिर के निर्माण कार्य को लेकर मंदिर का प्रवेश द्वार, गणेश स्थल, सिंह द्वार, नंदी, शिवलिंग, गर्भ गृह का पाइलिंग (नींव) आदि कार्य पूरा हो गया है। आकार में मंदिर 1080 फीट लंबा, 540 फीट चौड़ा होगा। मंदिर में कुल 12 शिखर व 22 देवालय होंगे। मंदिर के शिखर की ऊंचाई 270 फीट, चार शिखर की ऊंचाई 180 फीट, एक शिखर की ऊंचाई 135 फीट, आठ शिखर की ऊंचाई 108 फीट और एक शिखर की ऊंचाई 90 फीट होगी।
मंदिर में भगवान भोलेनाथ का 33 फीट ऊंचाई, 33 फीट गोलाई और 210 मीट्रिक टन वजन का शिवलिंग स्थापित किया जाएगा। बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के सदस्य व स्व. आचार्य किशोर कुणाल के पुत्र सायण कुणाल ने कहा कि मंदिर निर्माण को जल्द से जल्द से पूरा करने को लेकर हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
दो वर्ष पूर्व हुआ था शिलान्यास
विराट रामायण मंदिर के निर्माण को लेकर दो वर्ष पूर्व 20 जून 2023 को शिलान्यास रखा गया था। मंदिर की पाइलिंग का 90 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है। वर्तमान में बालू भरने का कार्य चल रहा है। सनटेक निर्माण एजेंसी के जीएम रंजीत सिंह रावत ने कहा कि मंदिर के निर्माण कार्य को जल्द पूरा करने को लेकर कार्य किया जा रहा है। मंदिर निर्माण में लगने वाली सारी सामग्री को लैब में जांच होने के बाद प्रयोग में लाया जा रहा है। विराट रामायण मंदिर की साज-सज्जा और फिनिशिंग को लेकर चुनार के पत्थरों का प्रयोग होगा। इन पत्थरों की विशेषता है इसमें काई नहीं लगती है। ये पत्थर वर्षा आदि के प्रभाव से काला नहीं पड़ता है। रामायण मंदिर के दर-ओ-दीवारों पर पत्थरों से रामायण के विभिन्न प्रसंगों से जुड़ी कहानियों को कलाकृति के जरिए उकेरा जाएगा। अयोध्या से जनकपुर तक बन रहे राम जानकी मार्ग पर अवस्थित विराट रामायण मंदिर 140 एकड़ क्षेत्रफल में है।
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