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    बिहार में 16 साल में पकड़े गए साढ़े चार हजार भ्रष्‍ट अफसर; आइएएस और आइपीएस भी इस लिस्‍ट में

    By Shubh Narayan PathakEdited By:
    Updated: Tue, 03 May 2022 11:55 PM (IST)

    Bihar News बिहार में निगरानी ने 16 वर्ष में साढ़े चार हजार भ्रष्ट अफसरों पर की कार्रवाई इनमें 28 आइएएस-आइपीएस अन्य में बीडीओ-एसडीओ से लेकर वन्य पदाधिकारी तक जिले निगरानी की सूची से मिलान कर स्वच्छता के आधार पर लेंगे प्रोन्नति का फैसला

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    बिहार में भ्रष्‍ट अफसरों पर लगातार हो रही कार्रवाई। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: बिहार में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने बीते 16 वर्षों में राज्य के 28 वरिष्ठ प्रशासनिक अफसरों समेत करीब चार हजार से अधिक अधिकारियों पर भ्रष्टाचार में शामिल होने के मामले दर्ज इनमें आइएएस और आइपीएस के साथ ही बीडीओ, एसडीओ, समादेष्टा, निदेशक, औषधि नियंत्रक और वन्य पदाधिकारी तक शामिल हैं। निगरानी ब्यूरो ने इन अफसरों की सूची जारी की है। दरअसल जिलों की ओर से निगरानी ब्यूरो से अफसरों के स्वच्छता प्रमाणपत्र की मांग की गई थी, ताकि जो दोषी अफसर नहीं हैं उन्हें प्रोन्नति का लाभ दिया जा सके।

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    इसके बाद निगरानी विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी अरुण कुमार ठाकुर ने अपने पत्र के साथ सरकारी सेवकों के खिलाफ भ्रष्टाचार के दर्ज मामलों की जानकारी साझा की है। जिलों को आरोप पत्र की सूची पहले सितंबर 2021 में भेजी गई थी। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि प्रोन्नति के लिए 30 जून तक जिन अफसरों पर विचार किया जाना है वैसे मामलों में अलग से स्वच्छता प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं। सूची में शामिल अफसरों एवं कर्मचारियों के संबंध में निगरानी स्वच्छता प्रमाण पत्र विभाग के स्तर पर प्राप्त किया जाए। अन्य मामलों में अगर निगरानी के स्वच्छता प्रमाणपत्र की आवश्यकता होगी तभी निगरानी से अनुरोध करें। 

    28 आइएएस और आइपीएस पर भी मामले दर्ज 

    निगरानी से मिली जानकारी के अनुसार बीते 16 वर्ष में आइएएस-आइपीएस श्रेणी के 28 मामले दर्ज किए हैं। कई मामलों में अब भी अनुसंधान चल रहा है। वरिष्ठ अफसरों में जिनके नाम सूची में हैं उनमें कई बड़े अफसरों के नाम हैं। सूची में शामिल इन अफसरों में कई सेवानिवृत्त हो चुके हैं। किसी की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। कुछ के मामले न्यायालय में हैं, कुछ में विभागीय कार्रवाई प्रारंभ की गई है तो कुछ में न्यायालय में मामला ट्रायल की स्थिति में है। वरिष्ठ आइएएस-आइपीएस के अलावा 4,517 अन्य अफसर-कर्मियों के नाम सूची में शामिल हैं।