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    JDU सांसद के बेटे को नियम ताक पर रखकर 1600 करोड़ का ठेका दिया, बाकी कंपनियां पहुंची कोर्ट, 24 को होगी सुनवाई

    By Sunil RajEdited By: Deepti Mishra
    Updated: Tue, 20 Jun 2023 08:07 PM (IST)

    जदयू के जहानाबाद से सांसद चंदेश्वर प्रसाद चन्द्रवंशी के बेटे की कंपनी पशुपतिनाथ डिस्ट्रीब्यूटर्स को इस एंबुलेंस का ठेका मिला है। इसके बाद बाकी बीडर्स ने इस मामले में पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इन्‍हीं याचिकाओं पर 24 जून को हाई कोर्ट सुनवाई करेगा।

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    जदयू सांसद के बेटे को 1600 करोड़ का एंबुलेंस का ठेका देने के मामला पहुंचा पटना हाई कोर्ट।

    राज्य ब्यूरो, पटना: जदयू सांसद के बेटे को 1600 करोड़ का एंबुलेंस का ठेका देने के मामले में पटना हाई कोर्ट 24 जून को सुनवाई करेगा। न्यायाधीश पीबी बजन थ्री एवं न्यायाधीश जितेंद्र कुमार की खंडपीठ के समक्ष 24 जून को इस मामले की सुनवाई होगी।

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    याचिकाकर्ता बीवीजी इंडिया लिमिटेड व अन्‍य ने आरोप लगाया है कि बीडिंग में नीतीश सरकार की ओर से सांसद के बेटे की कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों को बदला गया।

    इस तरह पशुपतिनाथ डिस्ट्रीब्यूटर्स को लाभ पहुंचाया गया है। याचिका में कहा गया कि सांसद के परिवार के चार लोग कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स हैं।

    जदयू के जहानाबाद से सांसद चंदेश्वर प्रसाद चन्द्रवंशी के बेटे की कंपनी पशुपतिनाथ डिस्ट्रीब्यूटर्स को इस एंबुलेंस का ठेका मिला है। इसके बाद बाकी बीडर्स ने इस मामले में पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इन्‍हीं याचिकाओं पर 24 जून को हाई कोर्ट सुनवाई करेगा। याचिकाओं में कहा गया कि यह कंपनी इस बीडिंग के लिए योग्य नहीं है।

    भाजपा ने जांच की मांग की

    बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और पटना साहिब सांसद रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को राज्य सरकार पर आपात एंबुलेंस के लिए 1600 करोड़ रुपये के ठेके में नियमों को ताक पर रखने का आरोप लगाया।

    रविशंकर प्रसाद  ने कहा कि राज्य सरकार ने पर्याप्त संसाधन व गुणवत्ता बगैर सुनिश्चित किए हुए जदयू सांसद के बेटे की कंपनी पशुपतिनाथ डिस्ट्रीब्यूटर्स को टेंडर जारी कर दिया और गुणवत्ता व संसाधन उपलब्ध कंपनियों को टेंडर से बाहर कर दिया गया। भाजपा इस मामले की ईमानदारी से जांच कराए जाने की मांग करती है।

    जदयू ने कहा - निविदा से मिला काम

    जदयू के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि मामला न्यायालय में है, इसलिए इस मुद्दे पर वह विशेष टिप्पणी नहीं करेंगे। वैसे तथ्य यह है कि जदयू सांसद के पुत्र को यह काम निविदा के माध्यम से मिला था। निविदा में चार लोग थे और सबसे कम दर कोट करने पर यह काम आवंटित किया गया था। वैसे भी चंद्रेश्वर चंद्रवंशी के पुत्र विगत दो दशक से कारोबार करते हैं।