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    Bihar: अब कुलपत‍ि ही पूरी तरह जिम्‍मेदार; UGC के निर्देशों को लेकर गवर्नर हाउस का सख्‍त आदेश, जानिए क्‍या है निर्देश?

    By Dina Nath Sahani Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Tue, 09 Dec 2025 06:09 PM (IST)

    बिहार के गवर्नर हाउस ने यूजीसी के निर्देशों को लेकर सख्‍त आदेश जारी किए हैं, जिसके अनुसार अब कुलपत‍ि ही पूरी तरह जिम्‍मेदार होंगे। राज्‍यपाल ने विश्‍व ...और पढ़ें

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    लोकभवन ने जारी क‍िया आदेश। जागरण आर्काइव

    दीनानाथ साहनी, पटना। उच्च शिक्षा को नई उड़ान देने में जुटी बिहार सरकार को राज्यपाल व कुलाधिपति कार्यालय से भी पूरा सहयोग मिलेगा। इसलिए कुलपतियों का दायित्व के साथ-साथ जवाबदेही तय करते हुए लोकभवन ने यूजीसी के दिशा-निर्देशों को न मानने वाले कुलपतियों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

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    यह सख्ती इसलिए बरती जा रही है ताकि UGC की गाइडलाइन का शत-प्रतिशत पालन हो सके। अब विश्वविद्यालय के लिए सिर्फ शैक्षणिक कैलेंडर बनाना ही अनिवार्य नहीं होगा, बल्कि पठन-पाठन से लेकर परीक्षा-परिणाम तक के लिए सीधे तौर पर कुलपति ही उत्तरदायी होंगे। इसे लेकर लोकभवन (राजभवन) द्वारा दंडात्मक कदम भी उठाए जाएंगे।

    लोकभवन जल्द ही सभी विश्वविद्यालयों को शैक्षणिक और परीक्षा कैलेंडर अनिवार्य रूप से बनाने और लागू कराने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी करेगा।

    समय पर शैक्षणिक और परीक्षा कैलेंडर लागू नहीं करने वाले विश्वविद्यालय प्रशासन के विरुद्ध कार्रवाई का प्रविधान भी होगा। लोकभवन कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि हाल में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार, अक्षमता और दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने पर जिम्मेदार कुलपतियों और संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिया है।

    इसके आलोक में राज्य के सभी कुलपतियों को निर्देश देते हुए आगाह किया गया है कि लंबित शिकायतों का त्वरित निपटारा करें। हर स्तर पर सतर्कता व जागरूकता सुनिश्चित करें। साथ ही अब लोकपाल की नियुक्ति न करने वाले संस्थानों पर कार्रवाई भी की जाएगी।

    कुलाधिपति कार्यालय के मुताबिक राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खां के स्तर से उच्च शिक्षण संस्थानों को निर्देशित किया गया है कि संस्थागत स्तर पर उच्च शिक्षा में संपूर्ण सुधार लाना आवश्यक है। इसके लिए जवाबदेही बढ़ाते हुए उच्च शिक्षा में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कुलपतियों को अपने दायित्वों का निर्वहन करना होगा, ताकि ताकि उच्च शिक्षा संस्थानों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।

    कुलपतियों का दायित्व विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यकारी और शैक्षणिक अधिकारी के रूप में उसके समग्र प्रशासन, अकादमिक गुणवत्ता और वित्तीय प्रबंधन को देखना है, जिसमें अधिनियमों का पालन सुनिश्चित करना, समितियों की अध्यक्षता करना और कुलाधिपति के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय के नियमों को प्रभावी करना शामिल है।

    इसमें अब किसी प्रकार की लापरवाही पाये जाने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह प्रतिकुलाधिपति भी उनके दायित्वों के प्रति जवाबदेह बनाया गया है।

    इन प्रविधानों पर उतरना होगा खरा

    • कुलपति विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यकारी और शैक्षणिक प्रमुख हैं। इसलिए उन्हें सभी कार्यों का सामान्य पर्यवेक्षण और नियंत्रण करना अनिवार्य है।
    • विश्वविद्यालय के कानूनों, अध्यादेशों और विनियमों का पूरी तरह से पालन कराना अनिवार्य। नीतियों का क्रियान्वयन में भी स्पष्टता जरूरी।
    • विश्वविद्यालय संबंधी कार्यकारी परिषद, अकादमिक परिषद और चयन समितियों की बैठकों की अध्यक्षता करना आवश्यक।
    • शैक्षणिक और प्रशासनिक विभागों के बीच एक सेतु की तरह करना होगा काम और विश्वविद्यालय के संचालन को सुचारु बनाना होगा।
    • मानव संसाधन का सही उपयोग करना होगा। जरूरी नियुक्तियों और भर्ती प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।
    • हर महीने कुलाधिपति कार्यालय को रिपोर्ट भेजना आवश्यक और कुलाधिपति के निर्देशों का अनुपालन अनिवार्य।