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    चुनाव-छठ के कारण ट्रेनें हाउसफुल, महाकुंभ की तर्ज पर भीड़ नियंत्रण की रणनीति

    Updated: Thu, 23 Oct 2025 08:33 PM (IST)

    बिहार में विधानसभा चुनाव और छठ पर्व के कारण ट्रेनों में भारी भीड़ है। रेल पुलिस को महाकुंभ 2025 की तर्ज पर भीड़ नियंत्रण के निर्देश दिए गए हैं। स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ाने, नशाखुरानी गिरोहों पर नजर रखने और ट्रेनों को धीमी गति से चलाने के निर्देश दिए गए हैं। यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं।

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    चुनाव-छठ के कारण ट्रेनें हाउसफुल, महाकुंभ की तर्ज पर भीड़ नियंत्रण की रणनीति

    राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा चुनाव के कारण इस बार छठ पर ट्रेनों में और अधिक भीड़ है। इस भीड़ को नियंत्रण करने के लिए रेल पुलिस को अलर्ट करते हुए महाकुंभ 2025 की तर्ज पर भीड़ नियंत्रण की रणनीति बनाने को कहा गया है। इसके लिए मल्टी एजेंसी कंट्रोल रूम का गठन भी किया गया है। एडीजी रेल बच्चू सिंह मीणा ने इस बाबत पिछले दिनों वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी रेल आइजी, डीआइजी को व्यापक दिशा-निर्देश दिए हैं।

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    रेल एडीजी की ओर से जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि इस साल चुनाव के कारण छठ पर पिछले वर्ष की तुलना में ट्रेनों के माध्यम से लोगों का आवागमन अधिक होगा। कई स्पेशल ट्रेनें भी चलाई जा रही हैं। सभी रेल पुलिस को इन ट्रेनों की सूची प्राप्त कर महाकुंभ 2025 की तर्ज पर भीड़ नियंत्रण की रणनीति बनाने को कहा गया है।

    रात में चलने वाली ट्रेनों में विशेष रूप से स्काट का इंतजाम करने का निदे्रश दिया गया है। किसी भी तरह की घटना होने या समाचार माध्यमों से सूचना मिलने पर दस मिनट के अंदर उसका सत्यापन कर एडीजी कंट्रोल रूम में इसकी जानकारी देने का निर्देश दिया गया है। नशाखुरानी गिरोह से निबटने के लिए बिहार की ट्रेनों में राज्य से बाहर के सीमावर्ती प्रमुख स्टेशनों पर रोटेशन के आधार पर स्पेशल टीम की प्रतिनियुक्ति करने को कहा गया है। इसकी मानीटरिंग की जवाबदेही रेल आईजी-डीआईजी खुद करेंगे।

    विधानसभा चुनाव को देखते हुए स्टेशनों पर चेक प्वाइंट बनाकर अवैध शराब, नकद, हथियार आदि की जांच करने को कहा गया है। इन चेक प्वाइंट पर मजिस्ट्रेट, उत्पाद पदाधिकारियों, रेल पुलिस और स्थानीय पदाधिकारियों को प्रतिनियुक्त करने का निर्देश दिया गया है

    अंतिम समय में ट्रेनों का प्लेटफॉर्म न बदलने का निर्देश

    भीड़ नियंत्रण के लिए बड़े रेलवे स्टेशनों पर रेल प्रबंधन से समन्वय कर होल्डिंग एरिया बनाने को कहा गया है। रेलवे स्टेशन के बाहर ही ट्रेन के आवागमन का समय, देरी, प्लेटफॉर्म आदि की जानकारी बड़े डिस्प्ले बोर्ड पर देने का निर्देश है।

    पूर्व में अचानक प्लेटफॉर्म बदल दिए जाने के कारण भगदड़ के मामले को देखते हुए फेस्टिवल सीजन में अंतिम समय में प्लेटफॉर्म न बदलने की हिदायत दी गई है। ट्रेन के इंजन और कोच के स्थान को भी विधिवत डिस्प्ले करने को कहा गया है। छठ पर्व संपन्न हो जाने के बाद वापसी की भीड़ को नियंत्रण करने के लिए भी आरपीएफ को रेल प्रशासन से समन्वय कर रणनीति बनाने का निर्देश दिया गया है।

    अर्घ्य के समय घाट के पास बने रेल पुलों पर हार्न बजाते धीमी चलेंगी ट्रेनें:

    छठ के शाम और सुबह के अर्घ्य के समय घाट के पास बने रेल पुलों और रेल लाइनों पर ट्रेनों को हार्न बजाते हुए धीमी गति से चलाने का अनुरोध रेल पुलिस ने पूर्व मध्य रेल, हाजीपुर के महाप्रबंधक से किया है। रेल जीएम को लिखे पत्र में कहा गया है कि रेलवे लाइन के किनारे निर्मित घाटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु अर्घ्य देते हैं।

    पहले दिन देर शाम तक तथा सुबह अर्घ्य देने के लिए देर रात से ही भारी संख्या में श्रद्धालुओं और उनके परिजनों का आवागमन शुरू हो जाता है। ऐसे में छठव्रतियों एवं उनके स्वजनों की सुरक्षा को देखते हुए संवेदनशील स्थलों पर सुरक्षा के इंतजाम किए जाए। इसके साथ ही रेलवे के क्रासिंग प्वाइंटर, रेल ट्रैक और रेल पुलों पर आवागमन के दौरान रेल गाडि़यों का परिचालन धीमी गति से किया जाए। इस दौरान हार्न बजाने की सलाह भी ड्राइवरों को दी जाए ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।