99 लाख का हिसाब नहीं दे सका बिहार के मोकामा का व्यापारी, इनकम टैक्स ने जब्त कर बैंक में कराया जमा
बिहार के मोकामा में 99 लाख रुपये के साथ पकड़े गए व्यापारी मुकुंद माधव से इनकम टैक्स विभाग ने हिसाब मांगा, लेकिन वह संतोषजनक विवरण नहीं दे सका। जांच के ...और पढ़ें

99 लाख रुपये के साथ पकड़े गए व्यापारी मुकुंद माधव
जागरण संवाददाता, मोकामा(पटना)। रेलवे स्टेशन पर 99 लाख रुपये नकद के साथ पकड़े गए बिहार के मोकामा निवासी व्यापारी मुकुंद माधव से जब इनकम टैक्स विभाग ने रकम का पूरा हिसाब मांगा, तो वह कोई संतोषजनक विवरण प्रस्तुत नहीं कर सका। एक माह से चली आ रही जांच के बाद सोमवार को इनकम टैक्स की टीम ने जीआरपी थाने पहुंचकर पूरी रकम अपने कब्जे में ले ली और उसे एसबीआइ की बैंक रोड स्थित मुख्य शाखा में जमा करा दिया। इस कार्रवाई से जुड़े मामले का सीधा संबंध सीतामढ़ी निवासी फर्जी आइएएस ललित कुमार उर्फ गौरव कुमार से सामने आया है, जिसे ठगी के आरोप में पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
सात नवंबर की सुबह गोरखपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर जीआरपी थाना प्रभारी अनुज सिंह ने मोकामा (बिहार) के व्यापारी मुकुंद माधव को 99 लाख रुपये नकद के साथ संदिग्ध हालात में पकड़ा था।
पूछताछ में व्यापारी ने दावा किया था कि यह रकम उसने सीतामढ़ी निवासी गौरव कुमार को ठीका दिलाने के नाम पर दी थी। ठीका न मिलने पर गौरव ने उसे बरगदवा इलाके में बुलाकर रुपये वापस कर दिए थे और वह उसी नकदी को लेकर मोकामा लौट रहा था।
मामले की गंभीरता को देखते हुए जीआरपी ने तत्काल इसकी सूचना संबंधित एजेंसियों को दी।
प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हो गया कि इतनी बड़ी नकदी का लेन-देन सामान्य व्यावसायिक गतिविधियों से मेल नहीं खाता। इसके बाद इनकम टैक्स विभाग की टीम सक्रिय हुई और बिहार के मोकामा निवासी व्यापारी से रकम के स्रोत, आय और लेन-देन से जुड़े वैध दस्तावेज मांगे गए।
विभागीय सूत्रों के अनुसार, व्यापारी कोई ठोस प्रमाण या संतोषजनक ब्योरा नहीं दे सका। इसके बाद सोमवार को इनकम टैक्स की टीम जीआरपी थाने पहुंची और पूरी रकम को जब्त कर बैंक में जमा करा दिया।
अब व्यापारी के खिलाफ आयकर कानून के तहत आगे की कार्रवाई की जा रही है।
रुपयों से खुला फर्जी आइएएस का भेद
99 लाख रुपये पकड़े जाने के बाद हुई जांच में सामने आया कि सीतामढ़ी जिले का रहने वाला ललित कुमार उर्फ गौरव कुमार खुद को आइएएस अधिकारी बताकर ठीका, ट्रांसफर और सरकारी काम दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है।
गुलरिहा थाने में दर्ज मुकदमे के बाद नौ दिसंबर को क्राइम ब्रांच और गुलरिहा पुलिस ने उसे दो साथियों के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
उम्र कम दिखाने के लिए दोबारा भरा हाईस्कूल का फार्म
जांच में यह भी सामने आया है कि फर्जी आइएएस ने अपनी उम्र कम दिखाने के लिए दोबारा हाईस्कूल का फार्म भरा था। नए फार्म में जन्मतिथि वर्ष 2004 दर्ज कराई गई, जबकि पुराने शैक्षिक दस्तावेजों में जन्मतिथि 1990 दर्ज है। पुलिस इस फर्जीवाड़े की भी अलग से जांच कर रही है।
फर्जी आइएएस के उम्र से जुड़े नए तथ्य सामने आए हैं। यह देखा जा रहा है कि फर्जी दस्तावेज किस स्तर पर और किस उद्देश्य से तैयार किए गए। वहीं, इनकम टैक्स विभाग भी जब्त की गई रकम के स्रोत और उससे जुड़े अन्य लेन-देन की गहन जांच कर रहा है।
अभिनव त्यागी, एसपी सिटी

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