नेपाल की अशांति का बिहार के कारोबार पर दिख रहा सीधा असर, रोजाना करोड़ों का नुकसान
नेपाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन और हिंसक घटनाओं के कारण भारत-नेपाल व्यापार पर असर पड़ा है। बिहार से होने वाला निर्यात बुरी तरह प्रभावित हुआ है क्योंकि ज्यादातर सामान रक्सौल जयनगर और वीरपुर की सीमाओं से होकर गुजरता है। फल-सब्जी और प्लास्टिक जैसे सामान का कारोबार लगभग ठप हो गया है जिससे बिहार के व्यापारियों को नुकसान हो रहा है।

जागरण संवाददाता, पटना। नेपाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे आंदोलन और हिंसक घटनाओं ने भारत-नेपाल के बीच होने वाले व्यापार को गहराई से प्रभावित किया है।
खासकर बिहार से होने वाला निर्यात बुरी तरह प्रभावित हुआ है, क्योंकि नेपाल को जाने वाले सामान का बड़ा हिस्सा रक्सौल, जयनगर और वीरपुर की सीमाओं से होकर गुजरता है।
रोजाना करोड़ों रुपये का प्लास्टिक, लोहा, फल-सब्जियां और अन्य सामान बिहार से नेपाल भेजा जाता था, लेकिन हालात बिगड़ने के बाद यह कारोबार लगभग ठप हो गया है।
बिहार के उद्योगपतियों और व्यापारिक संगठनों का कहना है कि यदि स्थिति जल्द सामान्य नहीं हुई तो आने वाले त्योहारी सीजन और ठंड के बाजार पर भी बड़ा असर दिखेगा।
बिहार से जाता था फल-सब्जी
बिहार से फल-सब्जी का खूब जाता था। नेपाल में यहां से सेब, मौसम्मी, प्याज, अनार, पपीता, मछली, संतरा आदि हर दिन पटना से करीब दो करोड़ का माल नेपाल के विभिन्न शहरों में जाता था। यह अब पूरी तरह प्रभावित है। वहां माल नहीं जा रहा है। इससे यहां के कारोबारी का 20 प्रतिशत कारोबार प्रभावित हो रहा है। - शशिकांत प्रसाद, अध्यक्ष, पटना फ्रूट एवं वेजिटेब्ल्स एसोसिएशन।
भारत से नेपाल को लगभग हर जरूरत का सामान निर्यात होता है। नेपाल से आने वाला आयात बहुत कम है, लेकिन पिछले दो दिनों से आयात-निर्यात की चेन बाधित हुई है, जिससे व्यापार प्रभावित हो रहा है। अमेरिका की ओर से 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने से भारतीय निर्यात पहले से ही दबाव में है। अगर नेपाल को निर्यात लंबे समय तक बाधित हुआ तो असर दिखेगा। इसका असर रोजगार और किसानों तक पहुंचेगा। - केपीएस केशरी, अध्यक्ष, बीआइए।
दशहरा और दीपावली नजदीक है। इसको देखते हुए नेपाल में काफी माल यहां से जाते है। यहां से कपड़े, खाद्यान्न और अन्य सामान निर्यात होता है। यदि स्थिति सामान्य नहीं हुआ तो वहां काफी असर दिखेगा। ठंड के मौसम में ऊनी कपड़ों की बड़ी मांग रहती है। नेपाल से भारत में ऊनी कपड़े काफी आते भी है। इसका असर भी आने वाले समय में देखने को मिल सकता है। - राम लाल खेतान, पूर्व अध्यक्ष, बीआइए।
वीरगंज व आसपास के लोग रक्सौल से माल खरीदारी करते थे। इसके अतिरिक्त जय नगर, वीरपुर से भी कारोबार होता था। नेपाल में हुए भष्टाचार के खिलाफ आंदोलन व हिंसा के कारण बिहार से कारोबार प्रभावित हो गया है। यहां से हर दिन करीब 10 करोड़ का प्लास्टिक व लोहा का कारोबार होता था। वीरगंज में मेरा ससुराल है, सभी लोग घर में निकल नहीं रहे है। बिहार से भी करोड़ों का कारोबार प्रभावित है। - कमल नोपानी, कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह उद्योगपति।
भारत-नेपाल में बड़ा कारोबार बिहार के रास्ते होता है। नेपाल की खाद्यान्न और कृषि व अन्य सभी जरूरतें अधिकतर बिहार से पूरी होती हैं। ऐसे में सीमा पर किसी भी तरह की रुकावट का सबसे ज्यादा असर बिहार और वहां के व्यापारियों पर पड़ेगा। यहां से लोहा, प्लास्टिक आदि सामान जाते है। हर दिन उपचार को लेकर भी नेपाल से लोग आते है। इसका असर दिखेगा। - गौरव साह, अध्यक्ष, सीआईआई।
बिहार के कई उद्योगपति का कारोबार नेपाल में है। यह भी कारोबार नेपाल के उद्योगपति के साथ मिलकर कारोबार करते है। वहां सीमेंट व स्टील के कई फैक्ट्री भी लगे है। इसमें कई कच्चा माल यहां से जाते है। टूरिज्म सेक्टर में भी यहां से लोग वहां होटल, रेस्टूरेंट आदि में पैसा लगा रखें है। वहां के उत्पन्न हालात के कारण पूरा कारोबार प्रभावित है। इसका भी असर देखने को मिलेगा। - सुभाष पटवारी, अध्यक्ष, बिहार चैंबर आफ कामर्स।
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