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    Bihar News: बिहार में शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव की तैयारी, खत्म होंगे 534 बीईओ के पद

    Updated: Fri, 11 Apr 2025 02:23 PM (IST)

    बिहार में शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। राज्य के सभी 534 प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (बीईओ) के पद समाप्त किए जा रहे हैं। उनके स्थान पर सहायक शिक्षा विकास पदाधिकारी (एईडीओ) की नियुक्ति होगी। एईडीओ को स्कूली शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। उनके प्रदर्शन के आधार पर उन्हें प्रोन्नति देकर शिक्षा विकास पदाधिकारी बनाया जाएगा।

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    राज्य में 534 प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के पद होंगे समाप्त

    दीनानाथ साहनी, पटना। बिहार में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की व्यवस्था बदलने जा रही है। राज्य में सभी 534 प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (बीईओ) के पद समाप्त होंगे। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों के सेवानिवृत्ति होने के साथ ही उनके पद स्वत: समाप्त हो जाएंगे। इसके स्थान पर सहायक शिक्षा विकास पदाधिकारियों (एईडीओ) की नियुक्ति होगी।

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    इसके लिए राज्य सरकार द्वारा बिहार शिक्षा प्रशासन संवर्ग नियमावली, 2025 को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। इसके आलोक में सहायक शिक्षा विकास पदाधिकारियों के पद सृजित किए जा रहे हैं।

    दरअसल, सरकार द्वारा स्कूली शिक्षा की बेहतरी के लिए नया ढांचा तैयार किया जा रहा है। इसके तहत अब नये नियुक्त होने वाले एईडीओ को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

    एईडीओ को दी जाएगी शिक्षा विकास पदाधिकारी के रूप में प्रोन्नति

    शिक्षा विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि बिहार शिक्षा प्रशासन संवर्ग नियमावली, 2025 के क्रियान्वयन को लेकर सारी तैयारियों को शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया गया है, ताकि स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता की समूचित निगरानी के लिए नया तंत्र तैयार किया जा सके।

    साथ ही जल्द से जल्द सहायक शिक्षा विकास पदाधिकारियों के पदों के सृजन और नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की जा सके। नई व्यवस्था में एईडीओ ही स्कूली शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने के प्रति जवाबदेह होंगे। इनके प्रदर्शन के आधार पर उन्हें प्रोन्नति देकर शिक्षा विकास पदाधिकारी बनाया जाएगा।

    1991 के बाद बीईओ के पद पर नहीं हुई सीधी नियुक्ति

    शिक्षा विभाग की माने तो राज्य की स्कूली शिक्षा में महत्वपूर्ण कड़ी माने जाने वाले प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के खाली पदों पर 1991 के बाद सरकार के स्तर से सीधी नियुक्ति नहीं हुई।

    यह कम दिलचस्प नहीं है कि प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों के 50 प्रतिशत पदों पर सीधी नियुक्ति एवं शेष 50 प्रतिशत पदों को राजकीय बुनियादी विद्यालयों के निम्न शिक्षा सेवा संवर्ग के शिक्षकों की प्रोन्नति से भरने की व्यवस्था रही है।

    1991 के बाद प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों के पदों पर सीधी नियुक्ति नहीं होने से कई प्रशासनिक विसंगतियां उत्पन्न हुईं। राजकीय बुनियादी विद्यालयों में भी निम्न शिक्षा सेवा संवर्ग के शिक्षक सेवानिवृत्त होते गए। नतीजा, वर्तमान में राज्य के सभी 534 प्रखंडों में से 50 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं।

    इसके कारण एक प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को एक से अधिक प्रखंडों के अतिरिक्त प्रभार दिया हुआ है। हाल यह है कि विद्यालयों के निरीक्षण कार्य दूसरे विभागों के अधिकारी के सहारे चल रहे हैं।

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