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    बिहार में आवारा कुत्तों के आतंक पर लगेगी लगाम, ग्रामीण इलाकों में डॉग पाउंड बनाने की तैयारी

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 12:43 PM (IST)

    बिहार सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा कुत्तों के आतंक को कम करने के लिए डॉग पाउंड बनाने की योजना बनाई है। पंचायती राज विभाग ने जिला परिषदों को भू ...और पढ़ें

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    ग्रामीण इलाकों में डॉग पाउंड बनाने की तैयारी

    डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार सरकार ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते आवारा कुत्तों के आतंक से लोगों को राहत देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। खासकर गांवों में कुत्तों के काटने की घटनाओं से जनमानस को हो रही परेशानी पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने ग्रामीण इलाकों में डॉग पाउंड (Dog Pound) बनाने की योजना तैयार की है।

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    इसके तहत पंचायती राज विभाग ने सभी जिला परिषदों को डॉग पाउंड निर्माण के लिए उपयुक्त भूमि चिह्नित कर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। साथ ही उप विकास आयुक्तों को पत्र भेजकर इस दिशा में जल्द कार्य शुरू करने को कहा गया है।

    पंचायती राज विभाग के सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी विनीत सिन्हा ने बताया कि डॉग पाउंड का निर्माण जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा तैयार किए गए डिजाइन और प्राक्कलन के अनुसार किया जाएगा।

    इन डॉग पाउंड्स में ग्रामीण क्षेत्रों से पकड़े गए स्ट्रीट डॉग्स और लावारिस कुत्तों को सुरक्षित रूप से रखने की व्यवस्था होगी। डॉग पाउंड निर्माण पर होने वाला पूरा खर्च षष्ठम राज्य वित्त आयोग की सामान्य निधि से वहन किया जाएगा।

    सरकार की इस योजना का उद्देश्य केवल कुत्तों को पकड़ना ही नहीं, बल्कि उन्हें वैज्ञानिक और मानवीय तरीके से नियंत्रित करना है। मिली जानकारी के अनुसार, स्ट्रीट डॉग्स की नसबंदी, कृमिनाशक दवा, रेबीज टीकाकरण और प्रतिरक्षण का निर्धारण पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा किया जाएगा।

    इसके लिए जिला परिषद स्तर पर एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जाएगा, ताकि आम लोग कुत्तों से जुड़ी समस्याओं की सूचना आसानी से दे सकें।

    पंचायती राज विभाग के सचिव ने स्पष्ट किया है कि आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने में जन-जागरूकता की अहम भूमिका होगी। इसके लिए ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद स्तर पर व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।

    वार्ड सभा और ग्राम सभा की बैठकों में इस मुद्दे पर विशेष चर्चा की जाएगी। लोगों से अपील की जाएगी कि विवाह समारोहों, त्योहारों और अन्य सार्वजनिक कार्यक्रमों के बाद बचा हुआ भोजन खुले में न फेंकें, बल्कि उसका निपटारा स्वच्छ और सुरक्षित तरीके से करें। कचरे के प्रबंधन के लिए भी प्रभावी उपाय लागू किए जाएंगे।

    स्ट्रीट डॉग्स से जुड़ी इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिला स्तर पर जिला पंचायत राज पदाधिकारी, प्रखंड स्तर पर प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी और ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायत सचिव को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है।

    इनके कार्यों का अनुश्रवण जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा किया जाएगा। सरकार का मानना है कि इस योजना से आवारा कुत्तों के आतंक पर नियंत्रण होगा और ग्रामीण इलाकों में लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।