Bihar Teachers: 6 लाख शिक्षकों के लिए बड़ी खबर; तय हो गया वरीयता का फार्मूला, विभाग ने जारी की अधिसूचना
बिहार के 6 लाख शिक्षकों के लिए खुशखबरी! शिक्षा विभाग ने वरीयता निर्धारण का फार्मूला तय कर दिया है। अब शिक्षकों की वरीयता उनकी सेवा अवधि के आधार पर निर्धारित की जाएगी। इससे शिक्षकों के प्रमोशन और अन्य लाभों में मदद मिलेगी। विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी है।

शिक्षकों की वरीयता का निर्धारण। सांकेतिक तस्वीर
राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सभी प्रारंभिक और माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के करीब छह लाख शिक्षकों की वरीयता का फार्मूला तय हो गया है।
इससे संबंधित कमेटी की अनुशंसाओं के आलोक में शिक्षा विभाग ने सभी कोटि के शिक्षकों के बीच आपसी वरीयता का निर्धारण किया है।
इसके आधार पर ही अब शिक्षकों को प्रधानाध्यापक एवं प्रधान शिक्षक का प्रभार मिलेगा। इससे संबंधित आदेश शिक्षा विभाग के सचिव दिनेश कुमार के हस्ताक्षर से जारी किया गया है।
अधिसूचना के अनुसार जिन माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रमंडलीय संवर्ग के सहायक शिक्षक (मरणशील संवर्ग) पदस्थापित होंगे, उन्हें स्थानीय निकाय शिक्षक (नियोजित शिक्षक), विशिष्ट शिक्षक एवं विद्यालय अध्यापक से वरीय माना जाएगा।
इसी प्रकार प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में भी जिला संवर्ग के सहायक शिक्षक (मरणशील संवर्ग) स्थानीय निकाय शिक्षक (नियोजित शिक्षक), विशिष्ट शिक्षक एवं विद्यालय अध्यापक से वरीय होंगे।
माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रमंडलीय संवर्ग के सहायक शिक्षक (मरणशील संवर्ग) पदस्थापित नहीं रहने की स्थिति में बिहार राज्य उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रधानाध्यापक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली- 2021, संशोधित नियमावली- 2023 में प्रधानाध्यापक के पद पर सीधी नियुक्ति हेतु निर्धारित मापदंड को मानक मानते हुए स्थानीय निकाय शिक्षक (नियोजित शिक्षक), विशिष्ट शिक्षक एवं विद्यालय अध्यापक के बीच वरीयता का निर्धारण होगा।
इसके तहत माध्यमिक शिक्षक एवं विद्यालय अध्यापक को यदि स्थानीय निकाय शिक्षक (प्रशिक्षित शिक्षक) अथवा विशिष्ट शिक्षक अथवा स्थानीय निकाय शिक्षक (प्रशिक्षित शिक्षक) एवं विशिष्ट शिक्षक अथवा स्थानीय निकाय शिक्षक (प्रशिक्षित शिक्षक) एवं विद्यालय अध्यापक के रूप में न्यूनतम आठ वर्ष का 9वीं-20वीं में अध्यापन कार्य का अनुभव होना चाहिए।
इसी प्रकार उच्च माध्यमिक शिक्षक व विद्यालय अध्यापक को यदि स्थानीय निकाय शिक्षक (प्रशिक्षित शिक्षक) अथवा विशिष्ट शिक्षक अथवा स्थानीय निकाय शिक्षक (प्रशिक्षित शिक्षक) एवं विशिष्ट शिक्षक अथवा स्थानीय निकाय शिक्षक (प्रशिक्षित शिक्षक) एवं विद्यालय अध्यापक के रूप में न्यूनतम चार वर्ष का 11वीं-12वीं में अध्यापन कार्य का अनुभव होना चाहिये।
इन अहर्ता वाले माध्यमिक शिक्षक, उच्च माध्यमिक शिक्षक, विद्यालय अध्यापक को विद्यालय के प्रधानाध्यापक का प्रभार दिया जायेगा।
एक ही विद्यालय में ऐसे अर्हताधारी एक से अधिक शिक्षक के होने की स्थिति में उच्च माध्यमिक शिक्षक या विद्यालय अध्यापक को प्रभार मिलेगा।
इसके भी सामान होने की स्थिति में अंग्रेजी वर्णमाला के हिसाब से जिस शिक्षक का नाम पहले आयेगा, वे वरीय होंगे।दूसरी ओर प्राथमिक विद्यालय में जिला संवर्ग के सहायक शिक्षक (मरणशील संवर्ग) के पदस्थापित नहीं होने की स्थिति में बिहार प्रारंभिक विद्यालय प्रधान शिक्षक नियमावली- 2024 में प्रधान शिक्षक के पद पर सीधी नियुक्ति हेतु निर्धारित मापदंड के आधार पर वरीयता का निर्धारण होगा।
इसके अनुसार न्यूनतम आठ वर्ष का शिक्षण अनुभव (प्रशिक्षित शिक्षक के रूप में) वाले पहली से पांचवीं के स्थानीय निकाय शिक्षक (प्रशिक्षित शिक्षक) अथवा विशिष्ट शिक्षक अथवा विद्यालय अध्यापक अथवा स्थानीय निकाय शिक्षक अथवा स्थानीय निकाय शिक्षक (प्रशिक्षित शिक्षक) एवं विशिष्ट शिक्षक अथवा स्थानीय निकाय शिक्षक (प्रशिक्षित शिक्षक) एवं विद्यालय अध्यापक को प्रधान शिक्षक के रूप में कार्य करने के लिए प्राधिकृत किया जाएगा।
ऐसे अहर्ताधारी शिक्षक के एक से अधिक होने पर वरीयता का निर्धारण जन्मतिथि के आधार पर होगा। इसके भी सामान होने की स्थिति में अंग्रेजी वर्णमाला के हिसाब से जिस शिक्षक का नाम पहले आयेगा, वे वरीय होंगे।
इसी प्रकार मध्य विद्यालय में जिला संवर्ग के सहायक शिक्षक (मरणशील संवर्ग) के पदस्थापित नहीं रहने पर बिहार प्रारंभिक विद्यालय प्रधान शिक्षक नियमावली- 2024 में प्रधान शिक्षक के पद पर सीधी नियुक्ति एवं बिहार राजकीयकृत प्रारंभिक विद्यालय शिक्षक- स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं प्रोन्नति नियमावली-2018 के तहत मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति के मापदंड के तहत आपसी वरीयता का निर्धारण करते हुए प्रधान शिक्षक के प्रभार के लिए प्राधिकृत किया जायेगा।
इसके अनुसार न्यूनतम न्यूनतम चार वर्ष का शिक्षण अनुभव (प्रशिक्षित शिक्षक के रूप में) वाले 6ठी से 8वीं के स्थानीय निकाय शिक्षक (प्रशिक्षित शिक्षक) अथवा विशिष्ट शिक्षक अथवा विद्यालय अध्यापक अथवा स्थानीय निकाय शिक्षक अथवा स्थानीय निकाय शिक्षक (प्रशिक्षित शिक्षक) एवं विशिष्ट शिक्षक अथवा स्थानीय निकाय शिक्षक (प्रशिक्षित शिक्षक) एवं विद्यालय अध्यापक को प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में कार्य करने के लिए प्राधिकृत किया जायेगा।
ऐसे अहर्ताधारी शिक्षक के एक से अधिक होने पर वरीयता का निर्धारण जन्मतिथि के आधार पर होगा। इसके भी सामान होने की स्थिति में अंग्रेजी वर्णमाला के हिसाब से जिस शिक्षक का नाम पहले आयेगा, वे वरीय होंगे

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