Bihar: शिक्षकों को सेवाकालीन प्रशिक्षण प्राथमिकता, प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने की निपुण बिहार मिशन की भी चर्चा
बिहार में शिक्षकों के सेवाकालीन प्रशिक्षण को प्राथमिकता दी जा रही है। प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने निपुण बिहार मिशन पर चर्चा करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना है। शिक्षकों को नवीनतम शिक्षण विधियों से अवगत कराया जाएगा और सभी बच्चों को बुनियादी साक्षरता कौशल प्रदान किए जाएंगे। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए समन्वय पर जोर दिया गया।

शिक्षकों को मिलेगा सेवाकालीन प्रशिक्षण। सांकेतिक तस्वीर
राज्य ब्यूरो, पटना। प्राथमिक शिक्षा निदेशक साहिला ने कहा कि शिक्षकों को सेवाकालीन प्रशिक्षण प्राथमिकता में है। वर्ष 2026 तक वर्ग एक से तीन के सभी बच्चों में बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान संबंधी दक्षता को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य में निपुण बिहार मिशन का क्रियान्वयन किया जा रहा है जिसमें शिक्षकों को प्रशिक्षण भी शामिल है।
इस कार्यक्रम के तहत सभी जिलों से दो-दो शिक्षकों का चयन निपुण शिक्षक के रूप में किया गया है। शनिवार को उन्होंने यह बात शिक्षा विभाग के मदन मोहन झा सभागार में आयोजित कार्यशाला में कही।
उन्होंने कहा कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य निपुण शिक्षकों को अपने-अपने विद्यालयों को निपुण विद्यालय के रूप में विकसित करने हेतु आवश्यक शैक्षणिक रणनीतियों से सशक्त बनाना है।
जिला-स्तर पर सभी निपुण ग्रेड शिक्षकों के साथ मासिक बैठक सुनिश्चित करना है। इसके लिए प्राथमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा निपुण शिक्षक मासिक कैलेंडर उपलब्ध कराया गया है, जिसके आधार पर शिक्षकों को निर्धारित बिंदुओं के अनुरूप समीक्षा एवं योजना बैठकें आयोजित करने के दिशा-निर्देश दिए गए।
पीपीयू में पीएचडी कोर्स वर्क की शुल्क बढ़ेगी, सिलेबस में भी होगा बदलाव
जागरण संवाददाता, पटना। पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में शनिवार को सिंडिकेट की बैठक हुई। जिसकी अध्यक्षता कुलपति प्रो. उपेंद्र प्रसाद सिंह ने की।
इसमें 22वीं एवं 23वीं वित्त समिति, 20वीं एएनटीपीसी, 17वीं विद्वत परिषद के ज्यादातर प्रस्तावों को सदस्यों द्वारा अनुमोदित किया गया।
साथ ही पीएचडी कोर्स वर्क के लिए शुल्क वृद्धि के प्रस्ताव को भी पारित किया गया। इसके अलावा पीएचडी कोर्स वर्क के विभिन्न विषयों के सिलेबस में बदलाव करने पर सहमति बनी।
मैथिली, होम साइंस, पर्शियन, मनोविज्ञान, केमेस्ट्री व प्राकृत विषयों के सिलेबस को भी अपडेट किया जाएगा। दो कालेजों में एलएलएम सहित आठ कालेजों में वोकेशनल कोर्स संचालित करने स्वीकृति प्रदान की गई ।
तीन विषयों में संस्कृत, पाली व मैथिली विभाग खोलने को स्वीकृति मिली । कालेजों में जिन विषयों में स्नातक की पढ़ाई हो रही है, वहां पीजी विषय की भी पढ़ाई को स्वीकृति प्रदान की गई है।
इसके अलावा और भी प्रस्ताव आएंगे उन्हें भी राज्य सरकार के निर्देशानुसार स्वीकृति प्रदान की जाएगी। सभी प्रस्ताव राजभवन व राज्य सरकार में भी अनुमोदन के लिए भेजे जाएंगे।
वहां से स्वीकृति के बाद इसे विवि में पूर्णत: लागू कर दिया जाएगा। बाद में सीनेट की बैठक में इन सबका अनुमोदन होगा।
एईडीपी के तहत कोर्स खोलने, बोर्ड आफ स्टडीज, पांचवें सेमेस्टर में इंटर्नशिप, पीएमआइआर को रेगुलर मोड में चलाने, दो व चार सेमेस्टर के बाद एक्जिट आप्शन को भी स्वीकृति दे दी गई।
सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति एवं नवनियुक्त प्राचार्यों की नियुक्ति का अनुमोदन इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा छह विषयों में अनुशंसित सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति एवं नवनियुक्त प्राचार्यों की नियुक्ति का अनुमोदन प्राप्त हुआ।
शिक्षकेतर कर्मचारियों के उच्चतर पदभार देने के लिए प्रोन्नति समिति की अनुशंसा को भी अनुमोदित किया गया। बैठक में सरकार के प्रतिनिधि के रूप में सदस्य प्रो. राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता, अरुण कुमार, प्रतिभा सिंह, प्रो. नरेंद्र कुमार सिंह मौजूद रहे। कुलसचिव प्रो. अबू बकर रिजवी ने सिंडिकेट के सदस्यों का स्वागत किया धन्यवाद ज्ञापन छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. राजीव रंजन ने किया।

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