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अपने हाथी-घोड़े और भैंस के साथ सोनपुर मेले में पहुंचे बाहुबली अनंत सिंह, जुटी भीड़

सोनपुर मेला शुरू हो चुका है और इस मेले में बिहार के बाहुबली विधायक अनंत सिंह भी अपने हाथी-घोड़े और भैंस के साथ पहुंचे हैं। लोग उनके पशु शिविर में खिंचे चले आ रहे हैं।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 24 Nov 2018 03:00 PM (IST)Updated: Sat, 24 Nov 2018 07:55 PM (IST)
अपने हाथी-घोड़े और भैंस के साथ सोनपुर मेले में पहुंचे बाहुबली अनंत सिंह, जुटी भीड़

जागरण टीम, सोनपुर। विश्व के सबसे बड़े पशु मेले में बिहार के बाहुबली नेता अनंत सिंह भी आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। विदेशी हैट, काले चश्मे और आन-बान शान के साथ मेले में अनंत सिंह अपने पशु शिविर में घोड़े-हाथी और भैंस के साथ पहुंचे हैं। यहां अनंत सिंह का पशु शिविर लगा है जहां देसी-विदेशी सैलानी उनके शिविर को देखने उमड़ रहे हैं।

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घोड़े और गाय की बेहतर नस्ल है अनंत सिंह के पशु शिविर में

सोनपुर मेले में मोकामा से निर्दलीय विधायक अनंत सिंह का पशु शिविर है। अनंत सिंह के पशु शिविर में बंधे सिंधी व मारवाड़ नस्ल के तीन घोड़ों की डील-डौल, चुस्ती-फुर्ती और फर्राटा सैलानियों को अपनी तरफ खींच रहा है। विश्व विख्यात हरिहर क्षेत्र के मेले में अनंत सिंह केवल अपने घोड़ों के साथ नहीं बल्कि 40 लीटर दूध देने वाली गिर नस्ल की गाय और एक नन्हे हाथी के साथ भी आए हैं।

अनंत सिंह की इंट्री होते ही सबकी नजर उनकी तरफ टिक जाती है

इतना ही नहीं, अनंत सिंह स्वयं भी इस मेले के सैलानियों के आकर्षण के केंद्र में हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन विदेशी हैट और काले चश्मे में अपनी लाव-लश्कर के साथ मेले में जब अनंत सिंह की इंट्री होती है तो न केवल देसी बल्कि विदेशी सैलानी भी उनके पीछे खींचे चले आते हैं।

जापान से मेले का लुत्फ लेने आए आधा दर्जन सैलानियों का एक जत्था अनंत सिंह के घोड़ों, गाय और हाथी के साथ उनकी तस्वीर लेने में व्यस्त था। 

घोड़ा बाजार में बेहतर नस्ल के घोड़े लाए गए हैं

हरिहर क्षेत्र मेला के एक बड़े भू-भाग में फैले घोड़ा बाजार में बिहार के विभिन्न जिलों के अलावा उत्तर प्रदेश, हरियाणा व पंजाब से कई पशु व्यवसायी अपने विदेशी नस्ल के घोड़ों के साथ आए हैं। इस घोड़ा बाजार में एक शिविर अनंत सिंह के घोड़ों का भी है।

अनंत सिंह के शिविर में तीन घोड़े बंधे हैं। इनमें राजा और लाडला सिंधी नस्ल के हैं जबकि बादल मारवाड़ नस्ल का घोड़ा है। इन तीनों घोड़ों की डील-डौल कुछ ऐसी है जो सैलानियों को अपनी तरफ खींच रहा है। इन तीनों घोड़ों की सरपट दौड़ का इंतजार में सैलानी घंटों मेला में इंतजार करते हैं।

इतिहास गवाह है कि कभी मुगल शासकों और अंग्रेजी हुकूमत की सेना के लिए इसी मेले से घोड़ों की खरीद होती थी। यह वही मेला है जहां से स्वतंत्रता संग्राम का बिगुल फूंकने वाले आजादी के अमर सेनानी भी घोड़ों की खरीद करते थे।

भैंस बाजार में अनंत सिंह की जाफराबादी नस्ल की भैंस भी है

इसी तरह भैंस बाजार में अनंत सिंह के शिविर में गिर जाफराबादी नस्ल की भैंस भी है। जो प्रतिदिन 40 लीटर दूध देती है। इस भैंस की लंबाई नौ फीट, तीन इंच है। इस गिर जाफराबादी नस्ल की भैंस के सिंग काफी लंबे, चमकदार और मुड़े हुए हैं। जो सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां गिर नस्ल की तीन गायें भी हैं। हाथी बाजार में अनंत सिंह का नन्हा व शरारती हाथी भी है। जो दर्शकों को अपनी शरारती हरकतों से आकर्षित कर रहा है।


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