बिहार में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की होगी मॉनिटरिंग, अधिकारी जिले में जाकर जुटाएंगे ब्यौरा
बिहार में सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की निगरानी की जाएगी। अधिकारी जिलों में जाकर योजनाओं से संबंधित जानकारी जुटाएंगे। इस पहल का उद्देश्य योजनाओं के क्रिय ...और पढ़ें
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, पटना। समाज कल्याण विभाग के सभी स्तर के अधिकारी जिले-जिले जाकर सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं का ब्योरा जुटाएंगे। कुछ जिलों में समाज कल्याण मंत्री भी योजनाओं की समीक्षा के लिए निकलेंगे। समाज कल्याण विभाग इसकी तैयारी कर रहा।
सभी जिलों की बनेगी समेकित रिपोर्ट
समाज कल्याण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी सभी तरह की योजनाओं की जिलेवार रिपोर्ट बनेगी। जिले में समीक्षा के तहत यह देखा जाना है कि योजना के क्रियान्वयन की गति क्या है। संबंधित निदेशालयों के स्थानीय अधिकारियों के साथ मुख्यालय से गए अधिकारी संयुक्त बैठक में शामिल होंगे।
इन योजनाओं पर विशेष जोर
समाज कल्याण विभाग का जोर सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं पर विशेष रूप से है। इनमें वृद्धजन पेंशन योजना, विधवा पेंशन व दिव्यांगता पेंशन की योजना शामिल है। मुख्यालय. के पास पहले से यह रिपोर्ट है कि अलग-अलग जिलों में वृद्धजन पेंशन योजना के मामले बड़ी संख्या में लंबित है। इनके निराकरण पर संबंधित अधिकारी बात करेंगे।
वृद्धजन पेंशन योजना के तहत राशि बढ़ने के बाद प्रति माह इसके लिए आने वाले आवेदनों की संख्या बढ़ी है। इसके लिए आ रहे आवेदनों के निष्पादन की गति का भी आकलन होगा। इसी तरह विधवा पेंशन और दिव्यांगता पेंशन योजना के मामलों की भी रिपाेर्ट बनेगी।
आंगनबाड़ी केंद्रों के बारे में लेंगे फीडबैक
जिले-जिले जाकर समाज कल्याण विभाग की योजनाओं की रिपोर्ट तैयार करने के क्रम में मुख्यालय के अधिकारी आंगनबाड़ी केंद्रों का फीडबैक लेंगे। आंगनबाड़ी केंद्र किस तरह से चल रहे और पोषाहार वितरण की स्थिति क्या है इस बारे में भी रिपोर्ट बनेगी। आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन के लिए सेविका व सहायिकाओं की उपलब्धता क्या है इसे भी देखा जाएगा।
जिलों से आयी रिपोर्ट के आधार पर मुख्यालय में वृहत बैठक
समाज कल्याण कल्याण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिलों से आयी रिपोर्ट के बाद मुख्यालय स्तर पर एक बड़ी बैठक होगी। उक्त बैठक में यह तय होगा कि जहां परेशानी है वहां कि समस्या को किस तरह से दूर किया जाए। योजनाओं की मानीटरिंग में टेक्नोलाजी के इस्तेमाल पर भी विमर्श होगा।

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