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    Bihar: एक करोड़ से ज्यादा छात्रों के लिए खुशखबरी, नीतीश सरकार ने सेट कर दिया चुनाव के बाद का प्लान

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 07:19 PM (IST)

    बिहार सरकार युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है। चुनाव के बाद एक करोड़ से अधिक छात्रों को तकनीकी रूप से कुशल बनाने की योजना शुरू की जाएगी। छात्रों को ड्रोन एआई और डेटा साइंस जैसे क्षेत्रों में मुफ्त प्रशिक्षण मिलेगा। सरकार का लक्ष्य बिहार को ग्लोबल डिजिटल टैलेंट हब बनाना है ताकि युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें।

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    एक करोड़ से ज्यादा छात्र बनेंगे तकनीकी रूप से दक्ष

    दीनानाथ साहनी, पटना। राज्य में युवाओं को रोजगार से जोड़ने की प्राथमिकता देते हुए सरकार द्वारा कौशल विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। इस लिहाज से सरकार ने विधानसभा चुनाव के बाद एक करोड़ से ज्यादा छात्रों को तकनीकी रूप से दक्ष बनाने की योजना शुरू करने का फैसला किया है।

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    छात्रों को यह प्रशिक्षण नि:शुल्क दिया जाएगा। इसमें स्कूल से लेकर उच्च शिक्षा की पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं के साथ स्नातक कर चुके युवा शामिल हो सकेंगे। इन सभी को ड्रोन, रोबोट, आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) और डेटा साइंस तकनीक सहित उभरती हुई ऐसी सभी तकनीक में प्रशिक्षित किया जाएगा, जिसकी वैश्विक स्तर पर मार्केट में भारी मांग है।

    सरकार के रणनीतिकारों का मानना है कि इससे राल्य में बड़ी संख्या में प्रशिक्षित व दक्ष युवाओं का मानव संसाधन तैयार होगा, जो राज्य में औद्योगिक क्षेत्र में तकनीकी दक्षता वाले युवाओं की मांग को पूरा करने में मददगार साबित होगा।

    एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि एक करोड़ से ज्यादा युवाओं को तकनीकी रूप से दक्ष बनाने पर हाल में शिक्षा विभाग, उद्योग विभाग, श्रम संसाधन विभाग, विज्ञान, प्रावैधिकी तथा तकनीकी शिक्षा विभाग और ग्रामीण विकास विभाग के समन्वय से फैसला लिया गया है।

    देश में तकनीकी शिक्षा की नियामक एजेंसी अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) की देखरेख में निजी कंपनियों की मदद से सरकारी विद्यालयों समेत उच्च शिक्षण संस्थानों में यह मुहिम संचालित होगी। कुछ दिल पहले बिहार दौरे पर आए केंद्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने छात्र-छात्राओं को तकनीकी तौर पर दक्ष बनाने से जुड़ी पहल में हर संभव मदद देने का भरोसा दिया था।

    साथ ही केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा था कि स्कूली और उच्च शिक्षा में मौजूदा समय में छात्र-छात्राओं को तकनीकी रूप से दक्ष बनाने में केंद्र सरकार वित्तीय और अन्य मदद देने को तैयार है। इसके लिए राज्य सरकार को योजना बनाकर देनी होगी। बिहार सरकार द्वारा युवाओं को लक्ष्य मान कर प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किए जा रहे हैं जो चुनाव बाद अमल में लाए जाएंगे।

    ग्लोबल डिजिटल टैलेंट हब बनाने का लक्ष्य

    इस योजना के तहत छात्र-छात्राओं को कब तक यह प्रशिक्षण दे दिया जाएगा, इसकी कोई समयसीमा नहीं तय की गई है। माना जा रहा है कि इस लक्ष्य को वर्ष 2030 से पहले ही हासिल कर लिया जाएगा। सरकार की इस पहल को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ( एनईपी) की सिफारिश से भी जोड़कर देखा जा रहा है, जिसमें स्कूल व उच्च शिक्षण संस्थानों से जुड़े देश के कम के कम पचास प्रतिशत युवाओं को हुनरमंद बनाने की सिफारिश की गई है।

    एआइसीटीई के मुताबिक इस योजना के तहत बिहार को ग्लोबल डिजिटल टैलेंट हब बनाने का लक्ष्य है। इसके लिए संबंधित विभागों की समन्वय टीम द्वारा प्रशिक्षण से जुड़े जो कोर्स डिजाइन किए गए है, उनमें उद्योगों की मांग को ध्यान में रखा गया है। ताकि, छात्रों को इन प्रशिक्षण के बाद तुरंत किसी निजी कंपनी में नौकरी मिल सके। या फिर वह अपना रोजगार शुरू कर सके। तकनीकी दक्षता से प्रशिक्षित युवाओं को प्रशिक्षण के साथ उन्हें इंटर्नशिप भी कराया जाएगा।

    व्यवसायिक शिक्षा से जुड़े नियमित कोर्स भी होंगे लागू

    व्यवसायिक शिक्षा से जुड़े नियमित कोर्सों को शुरू करने की तैयारी भी हो रही है। छठवीं से आठवीं तक के छात्रों को यह उनके कौशल को निखारने के लिए के दी जाएगी, जबकि नौवीं से बारहवीं कक्षा में इसे एक विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा। छात्रों अपनी रुचि के मुताबिक किसी भी क्षेत्र का चुनाव कर सकेंगे।