Bihar Half-Yearly Exam: 71 हजार प्रारंभिक स्कूलों में अब जितिया के दिन नहीं होगी परीक्षा, नया शेड्यूल जारी
बिहार के प्रारंभिक विद्यालयों में जितिया के दिन अर्द्धवार्षिक परीक्षा नहीं होगी। इससे व्रत रखने वाली महिला शिक्षकों को राहत मिलेगी। परीक्षा का नया शेड्यूल जारी हो गया है जिसके अनुसार परीक्षाएं 10 सितंबर से 18 सितंबर तक चलेंगी। जितिया के दिन यानी 15 सितंबर को कोई परीक्षा नहीं होगी। अन्य तिथियों के परीक्षा कार्यक्रम में भी बदलाव किए गए हैं।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के सभी 71 हजार प्रारंभिक विद्यालयों में अब जितिया के दिन बच्चों की अर्द्धवार्षिक परीक्षा नहीं होगी। इससे उस दिन व्रत रखने वाली महिला शिक्षकों को बड़ी राहत मिल गयी है। जितिया 15 सितंबर को है।
उस दिन सरकारी विद्यालयों में जितिया (जीवित पुत्रिका व्रत) का अवकाश भी घोषित है, लेकिन बच्चों की अर्द्धवार्षिक परीक्षा के लिए पहले जारी शेड्यूल में जितिया के दिन यानी 15 सितंबर को परीक्षा की तिथि दर्ज थी। जितिया के मद्देनजर अब शेड्यूल में परिवर्तन किया गया है।
नए शेड्यूल के मुताबिक, परीक्षा 10 सितंबर से शुरू होकर 18 सितंबर तक चलेगी। जितिया के दिन यानी 15 सितंबर को परीक्षा नहीं होगी। 10 सितंबर को पहली पाली में दूसरी से आठवीं कक्षा के बच्चों की पर्यावरण अध्ययन-सामाजिक विज्ञान एवं दूसरी पाली में छठी से आठवीं कक्षा के बच्चों की विज्ञान की परीक्षा होगी।
11 सितंबर को पहली पाली में तीसरी से आठवीं कक्षा के बच्चों की हिंदी (द्वितीय भाषा-अहिंदी भाषी के लिए) एवं दूसरी पाली में गणित की परीक्षा होगी। 13 सितंबर को पहली पाली में तीसरी से आठवीं कक्षा के बच्चों की हिंदी, बांग्ला, उर्दू एवं दूसरी पाली में छठी से आठवीं कक्षा के बच्चों की संस्कृत की परीक्षा होगी।
16 सितंबर को पहली पाली में तीसरी से आठवीं कक्षा के बच्चों की अंग्रेजी की परीक्षा होगी। 17 सितंबर को पहली पाली में पहली व दूसरी कक्षा के बच्चों की हिंदी, उर्दू, बांग्ला एवं दूसरी पाली में गणित की परीक्षा होगी। 18 सितंबर को पहली पाली में पहली व दूसरी कक्षा के बच्चों की अंग्रेजी की परीक्षा होगी।
अनुकंपा के आधार पर माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में हुई नियुक्ति
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को अनुकंपा के आधार पर माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालयों में 4835 विद्यालय लिपिक तथा 518 विद्यालय परिचारी के पद पर चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त 5353 कर्मियों को कहा कि् उन्हें यह विश्वास है कि सभी पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे।
यह है प्रविधान
वर्ष 2006 से शिक्षा विभाग के अन्तर्गत मृत शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के आश्रितों को अनुकम्पा के आधार पर नियोजन इकाई के माध्यम से शिक्षक के पद पर नियोजन हेतु प्रविधान किया गया था। मृत शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के आश्रितों की योग्यता शिक्षक के पद हेतु नहीं रहने के कारण वर्ष 2020 में नियोजन इकाई के माध्यम से विद्यालय लिपिक एवं विद्यालय परिचारी के नियत वेतन पर अनुकम्पा के आधार पर वर्ष 2024 तक नियोजन किया गया।
वर्तमान में राज्य सरकार ने शिक्षकों की तरह अनुकम्पा पर नियुक्ति हेतु विद्यालय लिपिक एवं विद्यालय परिचारी के पद पर, नियुक्ति का प्रविधान किया है। अनुकम्पा पर नियुक्त होनेवाले विद्यालय लिपिक एवं विद्यालय परिचारी का वेतन एवं सेवाशर्त बेहतर हुआ है। आज पूरे राज्य में 4835 विद्यालय लिपिक एवं 518 विद्यालय परिचारी अर्थात् कुल 5353 आश्रितों की नियुक्ति की गई है।
ये रहे मौजूद
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री सुनील कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. एस सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार व कुमार रवि इस मौके पर मौजूद थे।
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