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    चोरी पकड़ी गई गुरु जी! बिहार के सरकारी स्कूलों में अटेंडेंस का फर्जीवाड़ा उजागर, क‍िन जिलों में सबसे ज्‍यादा? पढ़‍िये रिपोर्ट

    By Dina Nath Sahani Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Sat, 13 Dec 2025 04:38 PM (IST)

    Bihar News: बिहार के सरकारी स्कूलों में अटेंडेंस को लेकर फर्जीवाड़ा सामने आया है। जांच में कई जिलों में हाजिरी में गड़बड़ी पाई गई है। इस फर्जीवाड़े के ...और पढ़ें

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    सरकारी स्‍कूलों में श‍िक्षकों की हाजिरी में घपला। सांकेत‍िक तस्‍वीर

    दीनानाथ साहनी, पटना। Bihar Teachers: राज्य के विभिन्न जिलों के सरकारी विद्यालयों में उपस्थिति दर्ज कराने में शिक्षकों के फर्जीवाड़े उजागर हुए हैं। बक्सर, छपरा, अवरल, जहानाबाद, शेखपुरा, नवादा, गया, किशनगंज, पूर्णिया, जुमई, मुंगेर, मधुबनी, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण और दरभंगा जिले से जुड़े मामले शिक्षा विभाग के कंट्रोल एंड कमांड सेंटर में आए हैं।

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    जब इससे संबंधित जिलों में जांच कराई गई तब फर्जी तरीके से एप पर शिक्षकों द्वारा उपस्थिति दर्ज कराने के सैकड़ों मामले उजागर हुए। इसे गंभीरता से लेते हुए शिक्षा ने जिला शिक्षा अधिकारियों को सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

    ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज कराने में हेरफेर

    कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से मिली जानकारी के मुताबिक शिक्षकों द्वारा फर्जी तरीके से एप पर उपस्थिति दर्ज कराने में हेरफेर की गई है जो शिक्षा विभाग के ई-शिक्षा कोष पोर्टल से उजागर हुआ है।

    दरअसल, ई-शिक्षा कोष पोर्टल की तकनीकी खामियों का फायदा उठाते हुए ऐसे शिक्षक अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। इसमें संबंधित विद्यालयों के कर्मचारियों से लेकर प्रधानाध्यापकों की मिलीभगत भी उजागर हुई है। खासकर, विद्यालयों से अक्सर फरार रहनेवाले शिक्षक फर्जी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।

    ऐसे शिक्षक विद्यालय गए बिना अपना फोटो भेजकर उपस्थिति बनवा लेते हैं। ऐसा वह अपने सहकर्मी शिक्षक या कर्मचारी के सहयोग से करते हैं। वाट्सएप पर फोटो भेज देते हैं। इसके बाद संबंधित प्रधानाध्यापक मोबाइल स्क्रीन पर फोटो लेकर विद्यालय के आइडी से गैरहाजिर शिक्षक की उपस्थिति बना देते हैं।

    बता दें कि शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए सितंबर में ई-शिक्षा कोष पोर्टल को सख्ती से लागू किया है। यह मोबाइल आधारित ऐसी तकनीक है जिसमें विद्यालय के 500 मीटर की परिधि में शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज हो पाती है। एप में इंट्री और आउट टाइम में चेहरे की तस्वीर अपलोड करनी होती है।

    लेकिन, इसमें कुछ तकनीक कमी है, जिसका फायदा उठाकर कई शिक्षक स्कूल गए उपस्थिति बना रहे हैं। कंट्रोल एंड कमांड सेंटर पोर्टल की तकनीकी खामियों को दूर करने में भी जुटा है। 


    आगमन व प्रस्थान का एक ही फोटो एक ही स्थिति में अपलोड

    नवादा जिले के रजौली बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की रश्मि रानी शिक्षिका से जुड़ा है, जो नवंबर में अधिकांश दिनों में विद्यालय आगमन और प्रस्थान का एक ही फोटो एक ही स्थिति की फोटो अपलोड करती रही है।

    यही नहीं, कई दिन विद्यालय से प्रस्थान का फोटो भी अपलोड नही की। इस गड़बड़ी में वह पकड़ी गई हैं, जिनसे नवादा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी शिव कुमार वर्मा ने उनसे जबाव तलब किया है।

    इसी तरह नवादा जिले में दर्जनों शिक्षक हैं, जो पोर्टल की तकनीकी कमी का फायदा उठाकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। रोचक यह कि ऐसे सभी शिक्षकों की उपस्थिति और अनुपस्थिति की जानकारी संबंधित प्रधानाध्यापकों को भी रहती है। मैनुअल भी उपस्थिति बनती है। सहयोगी शिक्षकों को भी पता रहता है कि कौन अनुपस्थित है।

    किशनगंज के ठाकुरगंज मध्य विद्यालय के विशिष्ट शिक्षक कमरान, दरभंगा के बालिका उच्च विद्यालय के शिक्षक सतीश झा और सारण के शिक्षक गोपाल ठाकुर का मामला भी फर्जीवाड़े से जुड़ा है।

    इन शिक्षकों के फजीवाड़े की जांच में पाया गया कि नवबंर में विद्यालय आगमन और प्रस्थान के लिए एक ही शिक्षक का फोटो कई तिथियों में अपलोड किया गया। कई दिनों में प्रस्थान का फोटो अपलोड ही नहीं था। प्रस्थान में कई तिथियों की तस्वीर नहीं थी।

    इन जिलों में पकड़ी गई गड़बड़ी

    बक्सर, छपरा, अवरल, जहानाबाद, शेखपुरा, नवादा, गया, किशनगंज, पूर्णिया, जमुई, मुंगेर, मधुबनी, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण और दरभंगा।